वीरप्पन के गिरोह की स्टेला कर्नाटक में गिरफ्तार, 27 सालों से थी फरार
मात्र 14 साल में चंदन तस्कर वीरप्पन के गिरोह में शामिल होने वाली स्टेला को कर्नाटक पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया।
चामराजनगर, एएनआइ। चंदन तस्कर वीरप्पन की मौत के करीब 27 साल बाद उसके गिरोह की सदस्य रही स्टेला को कर्नाटक के चामराजनगर में गिरफ्तार कर लिया गया। चामराजनगर के सुप्रिटेंडेंट ऑफ पुलिस एचडी आनंद कुमार की ओर से पुष्टि की गई कि वीरप्पन की करीबी सहयोगी स्टेला मैरी (Stella Mary) को रविवार को गिरफ्तार किया गया। बता दें कि वीरप्पन की मौत के बाद से चामराजनगर पुलिस स्टेला को खोज रही थी।
उन्होंने बताया, 'स्टेला मैरी फरार थी और करीब 27 सालों तक अपना पहचान छिपाती रही। रविवार को चामराजनगर के कोल्लेगल से उसे गिरफ्तार किया गया।' पुलिस की पूछताछ के दौरान स्टेला ने बताया कि बंदूकों व हथियारों का इस्तेमाल करने के लिए उसे ट्रेनिंग दी गई। उसने अपने व्यक्तिगत जीवन और शादी से जुड़ी तमाम बातें बताई। एसपी एचडी आनंद कुमार को स्टेला ने बताया कि मात्र 14 साल की उम्र में ही वह गिरोह में शामिल हुई थी और दो साल बाद ही अलग हो गई। बंदूक चलाए जाने के बारे में पूछे जाने पर जब तब उसने पहले वीरप्पन गिरोह से जुड़े होने के बारे में बताया । वह 14 साल की उम्र में गिरोह में शामिल हुई थी, लेकिन 2 साल के बाद अलग हो गई थी। वह 1993 से छिपी हुई थी और पति वेलायन की मौत के बाद दूसरी शादी कर ली थी।
उल्लेखनीय है कि चंदन तस्कर वीरप्पन तक पहुंचने के लिए पुलिस और आर्मी को तीस साल से अधिक समय लग गया। तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल पुलिस उसे ढूंढ रही थी। उसे 18 अक्टूबर 2004 को तीन साथियों के साथ तमिलनाडु के धरमपुरी जिले में आने वाले पपरापत्ति जंगल में एनकाउंटर में मारा दिया गया था। उल्लेखनीय है कि चंदन तस्कर वीरप्पन तक पहुंचने के लिए पुलिस और आर्मी को तीस साल से अधिक समय लग गया। तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल पुलिस उसे ढूंढ रही थी।
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