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सीरिया में केमिकल अटैक के बाद यूएन ने बुलाई आज आपात बैठक

सीरिया के इदलिब में हुए रासायनिक हमले के बाद संयुक्‍त राष्‍ट्र ने एक आपात बैठक बुलाई है। इस हमले के खिलाफ अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने भी एक प्रस्‍तवा यूएन में रखा है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Wed, 05 Apr 2017 09:26 AM (IST)Updated: Wed, 05 Apr 2017 11:51 AM (IST)
सीरिया में केमिकल अटैक के बाद यूएन ने बुलाई आज आपात बैठक

संयुक्‍त राष्‍ट्र (एएफपी)। संयुक्त राष्ट्र ने औपचारिक तौर पर सीरिया के इदलिब में हुए भीषण रासायनिक हमले की जांच शुरू कर दी है। दुनिया भर के नेताओं ने इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। इस हमले में अब तक सौ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 400 से अधिक घायल हैं। मरने वालों में बच्‍चों की संख्‍या काफी है। इस बीच संयुक्‍त राष्‍ट्र में बुधवार को इस हमले पर व्‍यापक चर्चा की जाएगी और एक निंदा प्रस्‍ताव पारित किया जाएगा। यह प्रस्‍ताव मंगलवार को अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की तरफ से लाया गया था। इस पर आज संयुक्‍त राष्‍ट्र में विशेष बैठक बुलाई गई है। अमेरिका ने इस हमले की कड़ी निंदा की है।

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हमले के खिलाफ हो सकती है वोटिंग

इस प्रस्‍ताव पर आज वोटिंग भी संभव है। इन तीनों देशों ने इस हमले के पीछे सीरिया के राष्‍ट्रपति बशल अल असद को सीधेतौर पर जिम्‍मेदार ठहराया है। इसके उलट सीरियाई सेना ने इस हमले से पल्‍ला झाड़ते हुए कहा है कि वह इस तरह का हमला कभी नहीं करेगी। यूएन और सीरिया के बीच मध्‍यस्‍थ बने स्‍टाफन डे मिस्‍तूरा ने इसको भयावह करार दिया है।

फिर उठी अंतरराष्‍ट्रीय दल से जांच कराने की मांग

अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस द्वारा संयुक्‍त राष्‍ट्र में दिए प्रस्‍ताव में कहा गया है कि सीरियाई सरकार काे इसकी अंतरराष्‍ट्रीय दल से जांच करवानी चाहिए और उन्‍हें अपने विमानों के फ्लाइट प्‍लापन और लॉगबुक में लिखी जानकारी को मुहैया करवानी चाहिए। इसमें यह भी कहा गया है कि सीरियाई सरकार को अपनी सभी हेलीकॉप्‍टर की स्‍कोर्डन और एयरबेस की जानकारी संयुक्‍त राष्‍ट्र को मुहैया करवानी चाहिए।

हमला पूरी तरह से गैर जिम्‍मेदाराना

इसमें यहां तक कहा गया है कि संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव एंटोनिया गुटेरेस को हर माह सीरियाई सरकार से रिपोर्ट तलब करनी चाहिए जिसमें इसकी जानकारी हो कि वहां की सरकार जांचकर्ताओं का सहयोग कर रही है या नहीं। यह जांचकर्ता सीरियाई सरकार द्वारा इस्‍तेमाल किए जा केमिकल वैपंस की रिपोर्ट भी पेश करेंगे। संयुक्‍त राष्‍ट्र को दिए गए इस प्रस्‍ताव में इस हमले को पूरी तरह से गैर जिम्‍मेदाराना बताया गया है।

रूस और चीन खामोश

हालांकि इस भीषण हमले पर अभी तक रूस और चीन का रुख सामने नहीं आया है। रूस सीरिया में असद सरकार के समर्थन में विद्रोहियों पर लगातार बमबारी कर रहा है। गौरतलब है कि सीरियाई सरकार इससे पहले वर्ष 2014 और 2015 में तीन बार अपने नागरिकों पर इस तरह के अटैक कर चुकी है। वहीं एक बार आईएस ने मस्‍टर्ड गैस का इस्‍तेमाल कर यहां कई लोगों की जान ले ली थी। यह हाल तब है जबकि वर्ष 2013 में सीरिया अपने सभी केमिकल वैंपस को खत्‍म करने पर राजी हुआ था।

बढ़ सकती है मरने वालों की संख्‍या

मंगलवार को हुए इस हमले के बाद चिकित्सा सेवा से जुड़े अधिकारियों ने मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका जताई है। ब्रिटेन स्थित निगरानी समूह ने चिकित्सा सूत्रों के हवाले से बताया है कि हमले के प्रभाव से काफी संख्‍या में लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है और बेहोश होना, उलटी आना तथा मुंह से झाग आने की शिकायतें मिल रही हैं। इससे पहले मंगलवार को एक फेसबुक पोस्ट में कहा गया था कि क्लोरीन गैस वाले चार थर्मोबेरिक बम गिराए गए। रासायनिक हमले की यह रिपोर्ट सीरिया के भविष्य को लेकर ब्रसेल्स में दो दिवसीय सम्मेलन शुरू होने से पहले आई है, जिसका आयोजन यूरोपीय संघ व संयुक्त राष्ट्र की मेजबानी में हो रहा है।

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