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मंत्री मनसुख मांडविया ने किया वन वर्ल्ड TB समिट को संबोधित, कहा- 2025 तक TB मुक्त भारत के लिए हो रहा काम

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में वन वर्ल्ड टीबी समिट का आयोजन हुआ। इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि आज विश्व टीबी दिवस है और जब भी हम इस बारे में बात करते हैं तो हम हमेशा इस बीमारी पर जीत के बारे में सोचते हैं।

By Versha SinghEdited By: Versha SinghFri, 24 Mar 2023 12:25 PM (IST)
मंत्री मनसुख मांडविया ने किया वन वर्ल्ड TB समिट को संबोधित, कहा- 2025 तक TB मुक्त भारत के लिए हो रहा काम
मंत्री मनसुख मांडविया ने किया वन वर्ल्ड TB समिट को संबोधित

नई दिल्ली। World Tuberculosis Day 2023: विश्व टीबी दिवस हर साल 24 मार्च को मनाया जाता है। विश्व TB दिवस (World Tuberculosis Day) मनाने का मुख्य उद्देश्य है कि लोगों को टीबी के बारे में बताने के साथ यह जानकारी भी दी जाए कि टीबी का उनके स्वास्थ्य, समाज पर क्या असर पड़ रहा है।

बता दें कि फेफड़े की टीबी (एक्सटेंसिव प्लमोनरी टीबी) मरीजों के लिए जानेलवा साबित हो रही है। इससे हर साल 5 से 7 प्रतिशत मरीजों की जान जा रही है। चिंता की बात यह है कि इसके मरीज दोनों फेफड़े खराब होने के बाद बीआरडी में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 'वन वर्ल्ड टीबी समिट' (One World TB Summit) में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया (Union Health Minister Dr. Mansukh Mandaviya) ने लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज विश्व टीबी दिवस (Tuberculosis) है और जब भी हम इस बारे में बात करते हैं तो हम हमेशा इस बीमारी पर जीत के बारे में सोचते हैं। जन-भागीदारी की भावना के साथ, पीएम 2030 के वैश्विक लक्ष्य से पांच साल पहले, 2025 तक टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

— ANI (@ANI) March 24, 2023

क्या है World TB Day?

विश्व टीबी दिवस हर साल 24 मार्च को ट्यूबरकुलोसिस के हानिकारक प्रभाव, सामाजिक और आर्थिक परिणामों के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने और वैश्विक टीबी महामारी को समाप्त करने के लिए मनाया जाता है। बता दें कि 24 मार्च 1882 को डॉ रॉबर्ट कोच ने टीबी का कारण बनने वाले जीवाणु की खोज की थी। जो इस बीमारी के निदान और इलाज की दिशा में एक नया कदम था।

क्या होता है Tuberculosis?

टीबी एक गंभीर संक्रामक रोग है जो मुख्य रूप से लोगों के फेफड़ों को प्रभावित करता है। ट्यूबरकुलोसिस का कारण बनने वाले जीवाणु खांसी और छींक के माध्यम से हवा में छोड़ी गई छोटी बूंदों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलते हैं।