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जंगल सफारी में पर्यटकों को लुभा रहा मोदीवाला टाइगर

लोकार्पण बाद जंगल सफारी को छह नवंबर को आम पर्यटकों के लिए खोला गया। पहले दिन ही 15 हजार से ज्यादा लोग यहां पहुंचे।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Tue, 08 Nov 2016 04:59 AM (IST)Updated: Tue, 08 Nov 2016 05:06 AM (IST)

रायपुर, जेएनएन। लोकार्पण बाद जंगल सफारी को छह नवंबर को आम पर्यटकों के लिए खोला गया। पहले दिन ही 15 हजार से ज्यादा लोग यहां पहुंचे। अगले हफ्ते तक की टिकट एडवांस में बुक हो गई। रविवार सुबह सात बजे से ही काउंटर पर लोगों का जमावड़ा लगने लगा था। हर कोई जल्दी टिकट लेकर मोदी से आंखें मिलाने वाले टाइगर शिवाजी को देखना चाहता था। सुबह साढ़े 11 बजे तक रविवार के सारे टिकट बिक चुके थे। शाम पांच बजे तक लगभग 2100 लोगों ने जंगल सफारी का मजा लिया।

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इनके अलावा लगभग 7 हजार लोगों को सोमवार बाद के एडवांस टिकट लेने पड़े। लगभग इतने ही लोग बिना टिकट बुक कराए ही लौट गए। लोगों को मायूस होते देख प्रबंधन ने सभी लोगों के लिए गार्डन के गेट खोल दिए। लोग पिकनिक मनाकर लौट गए। इधर सफारी से बाहर निकले लोगों ने बताया कि शिवाजी और छोटे भालू ने जमकर तस्वीरे खिंचवाईं। हालांकि बस की जालियों के कारण लोग जानवरों के साथ सेल्फी नहीं खींच पाए, लेकिन सभी ने इनकी चहल कदमी मोबाइल में कैद कर ली।

कुछ इस तरह होगी आपकी सफारी

एसी और नान एसी मिलाकर कुल 17 बसें चलाई जा रही हैं। दोनों के टिकट में सिर्फ 100 रुपए का अंतर है। बसें एक बार में 350 लोगों को कोर एरिया ले जाएंगी। इस दौरान आप को टाइगर पार्क, बेयर पार्क , हर्बीवोरस पार्क और क्रोकोडाइल पार्क घुमाया जाएगा। बसें दिनभर 6 चक्कर में लगभग 21 सौ लोगों को जंगल सफारी की सैर कराएंगी।

वेटिंग हो तो क्रोकोडाइल पार्क घूमें

प्रबंधन द्वारा बैटरी से चलने वाली 8 सीटर की आठ बैटरी कारों का इतंजाम किया गया है। वेटिंग होने पर आप इसमें बैठकर क्रोकोडाइल पार्क जाकर पानी किनारे बैठे मगरमच्छों को करीब से देख सकते हैं। यह सुविधा निःशुल्क है। दो दिनों बाद बैटरी कार की संख्या बढ़ाकर 12 की जाएगी।

यहां मिलेगा पानी-स्नैक्स

जंगल सफारी में आपको पानी के अलावा कोई भी खाने-पीने की वस्तु नहीं ले जाने दी जाएगी। परिसर के बाहर आप अपने खाने-पीने के सामान का उपयोग कर सकते हैं। परिसर में प्रवेश करने के बाद आप को पानी और स्नैक्स की दो आटोमेटिक वेंडिंग मशीन मिलेंगी।

यहां आप एक रुपए में साथ लाई बोतल में 1 लीटर मिनरल वाटर भर सकते हैं। बोतल नहीं होने पर सिर्फ पांच रुपए में पानी से भरी बोतल खरीद भी सकते हैं। स्नैक्स वेंडिंग मशीन में अमूल का दुध, लस्सी, छाछ और चिप्स सहित अन्य चीजें सामान्य रेट पर मिलेंगी। लेकिन इस मशीन में आप इतना ही पैसा डालें, जितने का आपको सामान लेना हो। मशीन बाकी बचे पैसे वापस नहीं करती। दिक्कत होने पर पास खड़ा कर्मचारी आपकी मदद करेगा। जल्द ही मशीनों की संख्या बढ़ाकर पांच की जाएगी।

दूसरे जिलों से भी पहुंचे लोग

सफारी के बाहर सात लोगों का परिवार पेड़ के नीचे बैठ कर खाना खा रहा था। पूछने पर आयुष गोलछा ने बताया कि नारायणपुर से खास जंगल सफारी और मोदी वाले शेर को देखने आए हैं। वहीं पास ही दुर्ग से आई 12 लोगों की फैमिली मिली। परिवार की महिलाओं ने बताया कि 12 बजे सफारी पहुंचे तो रविवार के सारे टिकट बिक चुके थे। मायूस होने के बजाय परिवार ने बैटरी वाली गाड़ी में क्रोकोडाइल पार्क घूमा, फिर गार्डन में खूब मस्ती की। सफारी के बाहर गार्डन में बैठकर घर से लाई बिरयानी खाई।

पेरिस जाने पकड़नी थी फ्लाइट, अधिकारियों ने की मदद

बिलासपुर से कोल इंडिया के सेवानिवृत्त अधिकारी पत्नी भारती और इंजीनियर बेटे सोमित्र को लेकर सफारी पहुंचे। सौमित्र को पेरिस जाने के लिए रायपुर से हैदरबाद वाली फ्लाइट से शाम को रवाना होना था। टिकट लिया तो चार बजे का नंबर मिला। काउंटर पर बैठे अधिकारी डॉ. मुखर्जी ने इनकी समस्या सुनी तो परिवार के लिए 11 बजे के टिकटों की व्यवस्था की।

सोशल मीडिया पर छाया शिवा और सफारी

रविवार शाम तक फेसबुक और वॉटसअप में शिवाजी और सफारी की तस्वीरे वायरल होने लगीं। लोग अपने साथ शिवाजी को हैशटेग करते रहे। असल में वहां हर कोई शिवाजी के तस्वीर अपने कैमरे में कैद करना चाहता था। शिवाजी ने भी लोगों का खूब मन बहलाया, वह अपने साथियों के साथ लगातार बसों के इर्दगिर्द चक्कर काटता रहा।

यहां सुधार की जरूरत

जंगल सफारी का दौरा करने वाली नॉन एसी बसों में ज्यादातर में जालियां नहीं थीं। अधिकारियों ने बताया कि पहले दिन इतनी भीड़ आने की उम्मीद नहीं थी, इसलिए आनन फानन में एक्सट्रा बसें मंगानी पड़ीं। सोमवार को सफारी बंद रहेगा। इस दौरान बसों में जालियां लगाई जाएंगी। वहीं लोगों को कोर एरिया में ले जाने वाली बसें काला धुआं उगलती दिखाई देती रहीं। इससे जानवरों को समस्या होने की पूरी आशंका बनी हुई है।

धूप में परेशान होता रहा छोटा भालू

बेयर पार्क में लोगों को दिखाने के लिए एक भालू का बच्चा बड़े से पिंजरे में रखा गया था। इस पिंजरे में छांव की व्यवस्था नहीं थी। भालू का बच्चा धूप में परेशान होता दिखाई दिया। वह लगातार पिंजरे से लगे कमरे में घूसने का प्रयास करता रहा, लेकिन उसका दरवाजा बंद था। नईदुनिया टीम ने अधिकारियों को इस बारे में जानकारी दी। तब उसके कमरे का दरवाजा खोला गया।

अगले हफ्ते से ऑनलाइन टिकट

रविवार को कुल 7 हजार टिकट की एडवांस बुकिंग की गई। बाकी के सात हजार टिकट काउंटर और ऑनलाइन सर्वर के लिए रखे गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि अगले मंगलवार तक ऑनलाइन टिकट बुकिंग की सेवा शुरू कर दी जाएगी।

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