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भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था का ग्रीस के प्रधानमंत्री मित्सोटाकिस ने पढ़ें कसीदे, बोले- 'लोकतंत्र की ताकत का सबसे बड़ा सुबूत INDIA'

रायसीना डॉयलाग ( Raisina Dialogue ) के नौंवे सत्र की शुरुआत ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोटाकिस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( PM Modi ) के साथ मिलकर की। ग्रीस के प्रधानमंत्री मित्सोटाकिस ने भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था की भी बहुत तारीफ की और कहा कि भारत दुनिया के लिए एक उदाहरण है। भारत और ग्रीस दोनों ही ऐसे देश हैं जो लोकतंत्र को एक अवसर के तौर पर देखते हैं।

By Jagran News Edited By: Nidhi Avinash Wed, 21 Feb 2024 10:00 PM (IST)
भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था का ग्रीस के प्रधानमंत्री मित्सोटाकिस ने पढ़ें कसीदे, बोले- 'लोकतंत्र की ताकत का सबसे बड़ा सुबूत INDIA'
भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था का ग्रीस के प्रधानमंत्री मित्सोटाकिस ने पढ़ें कसीदे (Image: ANI)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कूटनीतिक विमर्श का वैश्विक मंच बन चुके रायसीना डॉयलाग के नौंवे सत्र की शुरुआत ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोटाकिस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मिलकर की।

23 फरवरी तक चलने वाले विमर्श के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए ग्रीस के प्रधानमंत्री ने न सिर्फ भारत को वैश्विक मंच की एक महान शक्ति के तौर पर चिह्नित किया, बल्कि यह भी कहा कि भारत के साथ साझेदारी को मजबूत बनाना यूरोप की विदेश नीति का आधार होना चाहिए।

भारत के साथ रिश्ता यूरोपीय संघ के लिए प्राथमिकता

ग्रीस भी यूरोपीय संघ का सदस्य है और यूरोपीय संघ की राष्ट्रपति उर्सुला गट्र्रूड वान डेर लेयेन ने इसी मंच से दो वर्ष पहले कहा था कि भारत के साथ रिश्ता यूरोपीय संघ के लिए प्राथमिकता है। यह यूरोपीय देशों के बीच भारत की छवि में हो रहे बदलाव को दिखाता है। ग्रीस के प्रधानमंत्री मित्सोटाकिस ने भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था की भी बहुत तारीफ की और कहा, 'भारत दुनिया के लिए एक उदाहरण है।

भारत लोकतंत्र की ताकत का सबसे बड़ा सुबूत

भारत दिखाता है कि कैसे मजबूत लोकतंत्र से आर्थिक विकास होता है और देश कामयाबी की तरफ आगे बढ़ता है। यह सामाजिक सद्भाव को बढ़ाता है। भारत लोकतंत्र की ताकत का सबसे बड़ा सुबूत है।' ग्रीस व भारत को दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र और सबसे बड़े लोकतंत्र बताते हुए मित्सोटाकिस ने कहा कि हमारी चुनौतियां एक जैसी हैं, लेकिन हम एक विचार भी साझा करते हैं। यह लोकतंत्र की खूबी है। अब जबकि वैश्विक स्तर पर युद्ध, पर्यावरण में हो रहे बदलाव, श्रमिकों के पलायन या आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसी समस्याएं हैं, तब लोकतांत्रिक व्यवस्था से ही उम्मीद बंधती है।

प्रधानमंत्री मोदी को दिया धन्यवाद

भारत और ग्रीस दोनों ही ऐसे देश हैं जो लोकतंत्र को एक अवसर के तौर पर देखते हैं। ऐसे में उन्होंने रायसीना डायलाग के उद्घाटन के लिए स्वयं को आमंत्रित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया। मित्सोटाकिस ने कहा कि ग्रीस और भारत के रिश्ते मजबूत हो रहे हैं, लेकिन हमें अभी बहुत कुछ करना है। ग्रीस अपनी भौगोलिक स्थिति की वजह से भारत के यूरोपीय क्षेत्र के रिश्तों के बीच एक प्रमुख द्वार बन सकता है।

ग्रीस दोनों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए बहुत कुछ कर सकता है। भारत-मध्य पूर्व-यूरोप के बीच प्रस्तावित कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट में भी ग्रीस की अहम भूमिका होगी। ग्रीस के पश्चिम एशिया के देशों के साथ भी बहुत अच्छे संबंध हैं। उन्होंने हिंद प्रशांत क्षेत्र को लेकर यूरोपीय संघ के नजरिये में आ रहे बदलाव के बारे में भी बताया। यूक्रेन और रूस को लेकर भी उन्होंने स्पष्ट तौर पर विचार रखे।

यूक्रेन पर रूस का हमला सिर्फ...

मित्सोटाकिस ने कहा कि यूक्रेन पर रूस का हमला सिर्फ यूरोप की धरती पर एक स्थानीय युद्ध ही नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्थिरता के लिए एक बहुत ही बड़ी चुनौती है। भारत जिस कानून सम्मत वैश्विक व्यवस्था का समर्थन करता है, यह युद्ध उसके भी विरुद्ध है। मित्सोटाकिस के संबोधन के समय प्रधानमंत्री मोदी, विदेश मंत्री जयशंकर, एनएसए अजीत डोभाल, विदेश सचिव विनय क्वात्रा के अलावा दर्जनभर देशों के विदेश मंत्री व दर्जनों दूसरे मंत्री व विश्लेषक उपस्थित थे।

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