इस साल 47 अध्यापकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार, 153 शिक्षकों में किया गया इनका चयन
बीते दो वर्षो से नए मानकों के आधार पर पुरस्कार दिए जा रहे हैं। राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों और सात संगठनों की तरफ से भेजे गए 153 शिक्षकों में इनका चयन किया गया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। इस साल के राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई है। इस साल 47 शिक्षकों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। पुरस्कार के रूप में मेडल, प्रशस्ति पत्र, 50 हजार रुपये के साथ ही दो साल का सेवा विस्तार भी दिया जाता है। 4 सितंबर को पुरस्कार दिए जाते हैं।
बीते दो वर्षो से नए मानकों के आधार पर पुरस्कार दिए जा रहे हैं। राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और सात संगठनों की तरफ से भेजे गए 153 शिक्षकों में इनका चयन किया गया है। इनमें सबसे अधिक उत्तर प्रदेश और गुजरात के तीन-तीन शिक्षक शामिल हैं।
जम्मू-कश्मीर से दो शिक्षकों को चुना गया
इसके अलावा मध्य प्रदेश, बिहार, ओडिशा, बंगाल, और जम्मू-कश्मीर के दो-दो शिक्षकों को भी पुरस्कार के चुना गया है। सिक्किम, झारखंड, कर्नाटक और तमिलनाडु के दो-दो शिक्षक भी पुरस्कार के लिए चुने शिक्षकों की सूची में हैं। हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, उत्तराखंड, राजस्थान और गोवा के एक-एक शिक्षकों का नाम भी चयनित शिक्षकों की सूची में शामिल है।
मेघालय, त्रिपुरा, असम, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और पुडुचेरी के एक-एक शिक्षक भी राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुने गए हैं। इनके अलावा सीबीएसई, एटॉमिक एनर्जी एजुकेशन सोसायटी, नवोदय विद्यालय समिति, एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय, केंद्रीय विद्यालय और सीआइएससीसीई के एक-एक शिक्षक भी पुरस्कार के लिए चुने गए हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने दोनों शिक्षको को दी बधाई
बता दें कि उत्तराखंड के जिन दो शिक्षकों को इस वर्ष राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना गया है। इनमें एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय जोगला, कालसी (देहरादून) की उप प्रधानाचार्य सुधा पैन्यूली और राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पुड़कूनी, कपकोट (बागेश्वर) के प्रधानाध्यापक डॉ. केवलानंद कांडपाल शामिल हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दोनों शिक्षकों को बधाई दी है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित इन शिक्षकों ने प्रदेश का नाम रोशन किया है। उन्होंने इस सम्मान को अन्य शिक्षकों के लिए भी प्रेरणादायी बताया। देश में एकलव्य आदर्श विद्यालयों