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भारत और चीन की सेनाओं के बीच LAC पर हुई थीं दो और झड़पें, वीरता पुरस्कारों के प्रशस्ति पत्र से जानकारी आई सामने

पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद के बाद पिछले साढ़े तीन वर्षों में भारत और चीन के बीच एलएसी पर झड़पों की कई घटनाएं हुई थीं। चीनी सैनिकों ने एलएसी पर तवांग सेक्टर में भी घुसने का प्रयास किया था। नौ दिसंबर 2022 को पीएलए के जवानों ने तवांग सेक्टर के यांगत्सी इलाके में एलएसी पर घुसपैठ का प्रयास किया था और एकतरफा रूप से यथास्थिति बदलने की कोशिश की थी।

By Agency Edited By: Amit Singh Published: Wed, 17 Jan 2024 06:30 AM (IST)Updated: Wed, 17 Jan 2024 06:30 AM (IST)
भारत और चीन की सेनाओं के बीच LAC पर हुई थीं दो और झड़पें

पीटीआई, नई दिल्ली। भारत और चीन की सेनाओं के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दो और झड़पें भी हुई थीं जिनके बारे में पहले पता नहीं चला था। भारतीय सैन्य कर्मियों को प्रदान किए गए वीरता पुरस्कारों के प्रशस्ति पत्रों में इनके उल्लेख से यह जानकारी सामने आई है। सेना ने इस मामले में तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की है।

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पिछले सप्ताह सेना की पश्चिमी कमान द्वारा एक अलंकरण समारोह में पढ़े गए प्रशस्ति पत्र में इस बात का संक्षिप्त विवरण दिया गया था कि कैसे भारतीय सैनिकों ने एलएसी पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों के आक्रामक व्यवहार का दृढ़ता से जवाब दिया था। चंडीमंदिर में मुख्यालय वाली सेना की पश्चिमी कमान ने अपने यूट्यूब चैनल पर 13 जनवरी के समारोह का एक वीडियो अपलोड किया था जिसमें वीरता पुरस्कार पर विवरण दिया गया था, लेकिन सोमवार को उसे निष्क्रिय कर दिया गया।

प्रशस्ति पत्र में उल्लेखित संघर्ष की ये घटनाएं सितंबर, 2021 से नवंबर, 2022 के बीच हुई थीं। जून, 2020 में गलवन घाटी में हुई झड़पों के बाद से भारतीय सेना 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी पर बेहद उच्च स्तर की युद्धक तैयारी के साथ डटी हुई है। मई, 2020 में पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद के बाद पिछले साढ़े तीन वर्षों में भारत और चीन के बीच एलएसी पर झड़पों की कई घटनाएं हुई थीं।

चीनी सैनिकों ने एलएसी पर तवांग सेक्टर में भी घुसने का प्रयास किया था। नौ दिसंबर, 2022 को पीएलए के जवानों ने तवांग सेक्टर के यांगत्सी इलाके में एलएसी पर घुसपैठ का प्रयास किया था और एकतरफा रूप से यथास्थिति बदलने की कोशिश की थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घटना के चार दिन बाद संसद में इसके बारे में बताया था। राजनाथ का कहना था कि चीनी सेना के प्रयास का भारतीय सैनिकों ने दृढ़तापूर्वक मुकाबला किया।

सूत्रों का कहना है कि चीनी सेना के घुसपैठ के प्रयास का दृढ़ता से जवाब देने वाली टीम में शामिल कई भारतीय सैनिकों को भी अलंकरण समारोह में वीरता पुरस्कार प्रदान किए गए। उस वर्ष 13 दिसंबर को राजनाथ ने कहा था, 'आमना-सामना होने के बाद झड़प की नौबत आ गई थी, जिसमें भारतीय सेना ने बहादुरी से पीएलए को हमारे क्षेत्र में घुसने से रोका और उन्हें अपनी चौकियों पर लौटने को मजबूर किया।'

उनका कहना था कि इस झड़प में दोनों ओर के कुछ सैनिक घायल हुए थे। रक्षा मंत्री ने कहा था, 'मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारी सेनाएं हमारी क्षेत्रीय संप्रभुता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस पर हमले के किसी भी प्रयास को विफल करती रहेंगी। मुझे विश्वास है कि पूरा सदन उनके साहसी प्रयासों में हमारे सैनिकों का समर्थन करने में एकजुट रहेगा।'


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