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मोहनलालगंज कांड : पुलिस की थ्योरी में छेद ही छेद

लखनऊ के मोहनलालगंज क्षेत्र के बलसिंह खेड़ा गांव में महिला के साथ हुई दरिंदगी का प्रदेश पुलिस ने कल राजफाश करने का दावा किया। शक के दायरे में आए गार्ड रामसेवक यादव को बेरहम कातिल बता गिरफ्तार किया गया।

By Edited By: Published: Mon, 21 Jul 2014 10:40 AM (IST)Updated: Mon, 21 Jul 2014 11:23 AM (IST)
मोहनलालगंज कांड : पुलिस की थ्योरी में छेद ही छेद

लखनऊ, [आनन्द राय]। लखनऊ के मोहनलालगंज क्षेत्र के बलसिंह खेड़ा गांव में महिला के साथ हुई दरिंदगी का प्रदेश पुलिस ने कल राजफाश करने का दावा किया। शक के दायरे में आए गार्ड रामसेवक यादव को बेरहम कातिल बता गिरफ्तार किया गया। पुलिस के मुताबिक रामसेवक ने दुष्कर्म करने की कोशिश में विफल होने के बाद अकेले इस दरिंदगी को अंजाम दिया है। पुलिस जहां मामले के रहस्योद्घाटन का दावा कर रही है, वहीं उसकी थ्योरी में छेद ही छेद नजर आ रहे हैं।

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प्रदेश महिला सेल की प्रभारी और अपर पुलिस महानिदेशक (इओडब्लू) सुतापा सान्याल ने बताया कि महिला के घर के करीब एक निर्माणाधीन अपार्टमेंट के गार्ड रामसेवक ने राजीव नाम से महिला को जाल में फंसाया और दुष्कर्म में असफल होने के बाद निर्ममता से उसकी हत्या कर दी। दावा किया कि घटना अकेले रामसेवक ने ही की है। गार्ड से उसकी पहचान तब हुई थी जब कुछ दिनों पहले वह निर्माणाधीन अपार्टमेंट में फ्लैट देखने गई थी। एडीजी ने महिला से सामूहिक दुष्कर्म की बात को सिर से खारिज कर दिया। सुतापा सान्याल का तर्क था कि महिला ने जिस तरह संघर्ष किया, अगर एक से अधिक लोग होते तो नहीं कर पाती।

अपरिचित पर इतना भरोसा क्यों

पुलिस के मुताबिक 16 जुलाई रात करीब 9.30 बजे राजीव नाम के एक शख्स का फोन आने पर महिला आटो से मोहनलालगंज पहुंची। वहां मोटरसाइकिल पर राजीव ने हेलमेट लगाकर उसे रिसीव किया और उसे लेकर बलसिंह खेड़ा स्थित सड़क के किनारे प्राइमरी स्कूल में पहुंचा। जब उसने अपना हेलमेट उतारा तो महिला मोबाइल की रोशनी में चेहरा देखकर चौंक गयी। यह व्यक्ति रामसेवक ही था। महिला उस पर बिफर पड़ी और कहा तुमने मुझे धोखा देकर बुलाया है। महिला और रामसेवक के बीच मारपीट हुई। रामसेवक ने उसके कपड़े फाड़ दिए और दुष्कर्म की कोशिश की। उसे हेलमेट से मारा-पीटा। दुष्कर्म में सफल नहीं हुआ तो क्रूरता से पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में चोट पहुंचायी और चाबी से हमला किया। उसे रक्तस्त्राव होने लगा। उसने जब रामसेवक से पानी मांगा। उसने स्कूल के किनारे हैंडपंप की ओर इशारा किया और भाग निकला। महिला हैंडपंप के पास पहुंचकर गिर पड़ी और मल्टीपल हैमरेज के कारण उसकी मौत हो गयी। रामसेवक के शरीर में नाखून के खरोंच के निशान मिले हैं जो महिला से संघर्ष के दौरान आए। अब यह भी सवाल है कि तीन दिन की बातचीत में क्या महिला का राजीव नाम के अजनबी पर इतना भरोसा हो गया कि उसके बुलावे पर बिना चेहरा देखे मोटरसाइकिल पर बैठकर रात अंधेरे में सुनसान इलाके में चली गयी। सवाल पर पुलिस का तर्क है कि जो महिला नहीं रही उसके निजी जीवन पर कोई टिप्पणी करना उचित नहीं है।

बड़ी हैसियत बताने को छद्म नाम

यह सवाल उठने पर कि आखिर उसने छद्म नाम का प्रयोग क्यों किया? एडीजी के मुताबिक रामसेवक महिला से संबंध बनाना चाहता था लेकिन छोटी हैसियत देखकर उसने अपार्टमेंट की साइट से एक मोबाइल चुराया और सिम अपने मोबाइल में डालकर रीयल स्टेट का कार्यकर्ता बनकर राजीव नाम से महिला से बातचीत शुरू की। 14 से 16 जुलाई के बीच दोनों ने 28 बार बातचीत की। इसमें 16 बार रामसेवक ने और 12 बार महिला ने फोन किया। रामसेवक अपनी बात से महिला को प्रभावित करने में सफल रहा।

चोरी का मोबाइल आखिर किसका

एडीजी से जब पूछा गया कि किसका मोबाइल फोन चोरी किया तो उन्होंने नाम बताने से इंकार कर दिया। मोबाइल चोरी होने के बाद मुकदमा क्यों नहीं दर्ज कराया गया? सुतापा ने बताया चूंकि जिस व्यक्ति का मोबाइल था, उसने छद्म नाम से लखनऊ के बाहर से सिम लिया था इसलिए वह मुकदमा दर्ज नहीं करा सका। यह आशंका जताने पर कि जिस व्यक्ति ने फर्जी नाम से सिम लिया था कहीं उसकी भूमिका तो संदिग्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि इसकी जांच की जा रही है। जहां तक महिला के मोबाइल की बात है तो उसे अभी पुलिस पता नहीं कर पाई है। रामसेवक ने उसे किसी झाड़ी में फेंक दिया। यानी हर सवाल का जवाब ऐसा, जैसे सुनियोजित ढंग से गढ़ा गया है। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त बाइक, मोबाइल और चाबी बरामद कर ली है, लेकिन वह हेलमेट नदारद है जिसे पहनकर रामसेवक ने राजीव का रूप धारण किया था।

फिर शव क्यों जलाया

सामूहिक दुष्कर्म की आशंका के बाबत गुरुवार को सुतापा सान्याल ने कहा था कि महिला का शव सुरक्षित रखा जाएगा, लेकिन उसी शाम को शवदाह संस्कार करा दिया गया। अब अगर दोबारा जांच की बात उठे तो शव मौजूद नहीं है। एक सवाल यह भी है कि पहले शव रखने की सहमति बनी और फिर अचानक क्यों जला दिया गया। महिला के शरीर में 12 घाव के साथ पुलिस ने माना था कि उसकी कमर के निचले हिस्से में आगे-पीछे हमला किया गया। घटनास्थल पर मसाले की पुड़िया, सिगरेट और बीड़ी के टुकड़े भी थे। यह इस बात का प्रतीक था कि वहां एक से अधिक लोग थे। सुतापा का कहना था कि उसके प्राइवेट पार्ट पर चाबी का घाव है जो करीब चार इंच का है लेकिन शरीर का घाव देखने पर ऐसा लग रहा था कि चाकू या किसी बड़े हथियार से हमला किया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि किसी चाबी से उतना बड़ा घाव नहीं हो सकता है। सुतापा ने माना कि अत्यधिक रक्तस्त्राव के कारण उसकी मौत हुई। घटना स्थल से कोई दूसरा हथियार नहीं मिला।

पहले भी धोखाधड़ी कर चुका रामसेवक

एडीजी ने बताया कि मोहनलालगंज थाना क्षेत्र के बलसिंहखेड़ा गांव के ही गढ़ी टोला निवासी रामसेवक पहले भी धोखाधड़ी कर चुका है। वह अमरोहा जिले में धोखाधड़ी के मामले में जेल जा चुका है। इसका परीक्षण कराया जा रहा है।

फोटो अपलोड करने वालों पर होगी कार्रवाई

एडीजी ने कहा कि कुछ लोगों ने ट्वीटर और फेसबुक जैसे सोशल साइटों पर महिला का निर्वस्त्र फोटो अपलोड किया है। ऐसे लोगों पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इसके लिए विधिक राय ली जा रही है।

पुलिसकर्मियों पर होगी कार्रवाई

सुतापा सान्याल ने बताया कि घटना स्थल पर संवेदनहीनता दिखाने में इंस्पेक्टर और एसआइ निलंबित किए जा चुके हैं। तैनात बाकी पुलिसकर्मियों की भूमिका की छानबीन हो रही है। अभी उन्हें निलंबित नहीं किया गया है, लेकिन उन पर कार्रवाई के लिए छानबीन हो रही है।

क्या था घटनाक्रम

मोहनलालगंज के बलसिंह खेड़ा गांव में 17 जुलाई की सुबह आठ बजकर दस मिनट पर चौकीदार ने एक महिला की निर्वस्त्र लाश खून से लथपथ देखी। महिला के शव की शिनाख्त अगले दिन हो सकी और पता चला कि वह एक अस्पताल में अपने पति की मौत के बाद नौकरी कर रही थी। उसके 11 और आठ वर्ष के दो बच्चे हैं। शिनाख्त होने के बाद पुलिस को कई सुराग मिले।

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