मानसून में कमी से निपटने को तैयार सरकार
मानसून के सामान्य से कम रहने की आशंकाओं के बीच सरकार ने एक बार फिर से इससे निपटने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने का आश्वासन दिया है। दक्षिण-पश्चिम मानसून पर अल-नीनो का साया रहने की बात कही जा रही है।
नई दिल्ली। मानसून के सामान्य से कम रहने की आशंकाओं के बीच सरकार ने एक बार फिर से इससे निपटने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने का आश्वासन दिया है। दक्षिण-पश्चिम मानसून पर अल-नीनो का साया रहने की बात कही जा रही है।
मानसून में कमी पर पूछे गए सवाल पर उपभोक्ता मामलों के सचिव केशव देसीराजू ने कहा, "सभी कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य सरकारों को इस बाबत अलर्ट कर दिया गया है। बारिश की संभावनाओं को लेकर मौसम विभाग पूरी सावधानी के साथ पूर्वानुमान लगा रहा है। अगर मानसून ठीक नहीं रहा तो अगले साल अनाज की उपलब्धता पर इसका असर पड़ सकता है।
उपभोक्ता मामलों के सचिव होने के नाते मेरी प्राथमिकता उपभोक्ताओं की उपलब्धता देखना है।" मौसम विभाग ने मानसून के समय पर रहने का पूर्वानुमान लगाया है, जो एक जून को केरल में उपस्थिति दर्ज कराएगा। हालांकि, अल-नीनो के प्रभाव के चलते बारिश कम होने की आशंका भी जताई जा रही है।
पिछले मानसून में 12 फीसद कम बारिश हुई थी, जिससे अनाजों, कपास और तिलहन पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था। इस साल भी यदि मानसून का असर सामान्य से कम रहा तो खाद्यान्नों के उत्पादन में तीन फीसद की गिरावट आ सकती है। इसको देखते हुए कृषि विभाग पहले ही संबंधित राज्य सरकारों को 580 जिलों के लिए आपात रणनीति बनाने का निर्देश दे चुका है।
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