मकर संक्रांति पर खुलेगी मां वैष्णो देवी की प्राचीन गुफा, फरवरी तक भक्त कर सकेंगे दर्शन
प्राचीन गुफा खुलने का इंतजार देशभर के भक्त करते हैं क्योंकि गुफा खुलने से पुराने पारंपरिक तरीके से गुफा मार्ग से दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होता है।
कटड़ा, जागरण संवाददाता। मकर संक्रांति के मौके पर श्राइन बोर्ड प्रशासन रविवार सुबह 10 बजे विधिवत पूजा-अर्चना के साथ मां वैष्णो देवी की पवित्र प्राचीन गुफा के कपाट खोल देगा। इस पवित्र गुफा से श्रद्धालुओं को फरवरी तक दर्शन होने की संभावना है।
प्राचीन गुफा खुलने का इंतजार देशभर के भक्त करते हैं क्योंकि गुफा खुलने से पुराने पारंपरिक तरीके से गुफा मार्ग से दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होता है। श्राइन बोर्ड इस प्राचीन गुफा के द्वार उस समय खोलता है, जब मां के दर्शनों को आने वाले भक्तों का आंकड़ा प्रतिदिन आठ हजार या उससे कम होता है। इस बार भक्तों को यह सौभाग्य एक साल के बाद मिल रहा है।
पिछले साल यात्रा का आंकड़ा प्रतिदिन 12 हजार से ज्यादा ही रहा। हालांकि वर्तमान में यात्रा का आंकड़ा 15 हजार के करीब चल रहा है, फिर भी श्राइन बोर्ड प्रशासन यह कदम उठा रहा है। पौराणिक कथा के मुताबिक इस पवित्र गुफा में जहां 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास है, वहीं पवित्र गंगा इस गुफा के भीतर हर पल बहती है। दूसरी तरफ गुफा के अंदर प्रवेश करने से पहले मां वैष्णो देवी ने गुफा के मुख्य द्वार पर भैरो का वध किया था। भैरो का शरीर चट्टान के रूप में मुख्य द्वार पर स्थापित है, जबकि गर्दन भैरो घाटी में स्थित है।
फरवरी तक इस पवित्र गुफा से दर्शन होने की संभावना
माना जाता है कि जो भक्त इस गुफा से होकर मां की पवित्र पडियों से होकर दर्शन करता है, उसके सभी कष्ट दूर होते हैं और मां उसकी हर मनोकामना पूर्ण करती है। इस गुफा को साल भर खोलना संभव नहीं है, क्योंकि प्राचीन गुफा से पांच से आठ हजार भक्त ही 24 घटों में दर्शन कर सकते हैं। मगर हर श्रद्धालु की इच्छा रहती है कि वह जीवन में एक बार प्राचीन गुफा से जरूर गुजरे। इस बारे में एसडीएम भवन जगदीश सिंह ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन शुभ मुहूर्त पर पूजा-अर्चना के बाद रविवार को सुबह 10 बजे प्राचीन गुफा के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। इस बार प्रयास रहेगा कि इस गुफा से श्रद्धालुओं को फरवरी के अंत तक दर्शन संभव हो सके।
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