विवादित ढांचा ढहाने का बदला लेने को इरफान बना आतंकी
उत्तर प्रदेश के बहराइच से पकड़े गए लश्कर-ए-तैयबा व इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) का खूंखार आतंकी इरफान अहमद अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाने का बदला लेने के लिए आतंकी बना था।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के बहराइच से पकड़े गए लश्कर-ए-तैयबा व इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) का खूंखार आतंकी इरफान अहमद अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाने का बदला लेने के लिए आतंकी बना था।
लखनऊ में उसकी मौसी के घर के पास रहने वाले जमाल अल्वी ने उसे जिहादी बना दिया था। शुरू में वह मुजाहिद इस्लाम अल हिंद में रहकर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहा। फिर डॉ. जलीस अंसारी, अब्दुल करीम टुंडा व आसिफ रजा खान के संपर्क में आने के बाद वह लश्कर से जुड़ गया था।
मंगलवार को स्पेशल सेल ने कोर्ट में पेशकर पूछताछ के लिए उसे 14 दिन की पुलिस रिमांड पर ले लिया है। सेल को उम्मीद है कि उससे लश्कर व आइएम के कुछ स्लीपर मॉड्यूल के बारे में पता लग सकता है।
विशेष आयुक्त (स्पेशल सेल) एसएन श्रीवास्तव के मुताबिक, इरफान के पिता किसान हैं। उनके पास 19 बीघा जमीन है। चौथी कक्षा तक पढ़ाई करने के बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी और हैंडीक्राफ्ट व मोटर बाइंडिंग का काम करने लगा। 16 साल का होने पर उसकी मौसी हसरत जहां उसे अपने साथ लखनऊ लेकर चली गईं। 1982 में उसने जरीना खातून (मामा की बेटी) से शादी कर ली। 1992 में जब अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाया गया था, तब वह लखनऊ में था। जमाल अल्वी ने इसका बदला लेने के लिए अपने घर पर एक बैठक रखी थी। इसमें इरफान, अफहाक खान, हबीब अहमद, कारी अबरेर अहमद, हमीउद्दीन आदि शामिल हुए थे।
जमाल ने उन लोगों को राजधानी एक्सप्रेस में बम प्लांट करने के लिए कहा था। राजधानी को इसलिए चुना गया, क्योंकि उसमें अधिकतर वीवीआइपी सफर करते हैं। इसके बाद पांच दिसंबर 1993 को कानपुर रेलवे स्टेशन पर इरफान व उसके साथियों ने दिल्ली हावड़ा (अप एंड डाउन) में तीन बम प्लांट किए थे। बम उन लोगों ने खुद तैयार किए थे। इसके बाद इरफान लखनऊ चला गया था। उसी दिन उसके अन्य साथियों ने भी हैदराबाद, इंद्रगढ़, सूरत, लखनऊ व गुलबर्ग में कई ट्रेनों में बम प्लांट कर दिए थे।
पाकिस्तान भागना चाहता था इरफान
नई दिल्ली। इरफान को शक हो गया था कि भारतीय सुरक्षा एजेंसी उसे दबोचने नेपाल आ चुकी है। इसके बाद वह पाकिस्तान भागने की फिराक में था। लेकिन इससे पहले ही 2010 में नेपाल पुलिस ने उसे फर्जी नागरिकता हासिल करने के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया। नेपाल में वह पहले तीन महीने कपिलवस्तु जेल में रहा। फिर चार साल पालपा व अब में सिंधपाल चौक जेल में रह रहा था।
बीते 25 अप्रैल को नेपाल में आए भूकंप से जेल की दीवारें ढहने के बाद 27 अप्रैल को वह जेल से भाग गया। 29 अप्रैल को वह भैरवा पहुंचा। वहां कुछ दिन रहने के बाद वह मोइन अंसारी से मिलने चला गया। पालपा जेल में रहने के दौरान मोइन से उसकी दोस्ती हो गई थी। उसके पास तीन रहने के बाद वह पांच मई को बहराइच आ गया था।
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