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आतंकी हमले की सूचना पर मंदिरों की सुरक्षा बढ़ाई, बदायूं में एटीएस का डेरा

नेपाल के रास्ते आतंकी घुसपैठ की सूचना पर बदायूं के प्रमुख मंदिरों की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। आतंकवादी निरोधक दस्ता (एटीएस) के 21 सदस्यीय दल ने आज तीन प्रमुख मंदिरों की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। तीन दिन तक टीमें मंदिरों पर विशेष नजर रखेंगी।

By Nawal MishraEdited By: Published: Mon, 11 May 2015 07:42 PM (IST)Updated: Mon, 11 May 2015 10:43 PM (IST)

लखनऊ। नेपाल के रास्ते आतंकी घुसपैठ की सूचना पर बदायूं के प्रमुख मंदिरों की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। आतंकवादी निरोधक दस्ता (एटीएस) के 21 सदस्यीय दल ने आज तीन प्रमुख मंदिरों की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। तीन दिन तक टीमें मंदिरों पर विशेष नजर रखेंगी।

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हाल ही में नेपाल के रास्ते आतंकी घुसपैठ की सूचना पर सूबे में सुरक्षा व्यवस्था चौकस की जा रही है। स्थानीय जांच एजेंसी (एलआइयू) ने बदायूं में आतंकी खतरा बताते हुए शासन को रिपोर्ट भेजी है। रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए एटीएस की 21 सदस्यीय टीम आज बदायूं पहुंची। टीम ने सबसे पहले गौरीशंकर मंदिर कमेटी के मैनेजर विनीत पांडेय के साथ नक्शा तैयार किया। सीसीटीवी कैमरे के फुटेज देखे। इसके बाद नगला पूर्वी स्थित माता मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। मंदिर कमेटी के लोगों को सुरक्षा चौकस करने की बावत निर्देशित किया। हरप्रसाद मंदिर में तकनीकी जांच की। एटीएस टीम प्रभारी रमाकांत यादव का कहना है कि मंदिरों में आतंकी खतरे की रिपोर्ट इंटेलीजेंस ब्यूरो ने दी है। हमारी टीम चिन्हित मंदिरों में जांच कर रही है। तीन दिन तक मंदिरों में सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए जाएंगे।

भूकंप के बाद उप्र में कई आतंकियों की घुसपैठ

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले से खूंखार आतंकी इरफान की गिरफ्तारी ने इस संदेह को पुख्ता कर दिया है कि नेपाल में भूकंप के बाद उत्तर प्रदेश की सीमा में कई आतंकी घुस आए हैं। अरसे से उत्तर प्रदेश के अपराधियों और आतंकियों के लिए नेपाल सबसे सुरक्षित ठिकाना बना हुआ था। शासन ने नेपाल सीमा पर हर संदिग्ध पर कड़ी नजर रखने और सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

नेपाल में भूकंप आने के बाद इंटेलीजेंस ब्यूरो ने आगाह किया था कि आतंकी और संदिग्ध व्यक्ति इस माहौल का लाभ उठाकर भारतीय सीमा में घुसपैठ कर सकते हैं। इस बाबत डीजीपी एके जैन की ओर से भी दिशा निर्देश जारी किए गए थे, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां संजीदा नहीं हुईं। अगर नेपाल सीमा पर चौकस निगाहें होतीं तो मोस्ट वांटेड आतंकी इरफान उत्तर प्रदेश की सुरक्षा एजेंसियों के हाथ आ गया होता। खुफिया तंत्र को अंदेशा है कि अभी कई आतंकी उत्तर प्रदेश की सीमा में घुसपैठ कर गए हैं। नेपाल के खराब माहौल को देखते हुए वहां पनाह लिए उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के आतंकियों ने इधर का रुख कर दिया। महराजगंज, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, बलरामपुर, बहराइच, खीरी और पीलीभीत जिले की सीमाएं नेपाल से लगी हैं। नेपाल में भूकंप के बाद इन जिलों में बड़ी संख्या में लोगों ने पनाह ली है। इनके बीच आतंकियों ने भी घुसपैठ की है।

करीब डेढ़ वर्ष पूर्व इंडियन मुजाहिदीन के सह संस्थापक यासीन भटकल और आजमगढ़ निवासी असदुल्लाह हड्डी की गिरफ्तारी के बाद पता चला कि आजमगढ़ के संजरपुर और आसपास के फरार आतंकियों को नेपाल में पनाह मिली थी। ठिकाने तैयार करने में संजरपुर के डॉ. शाहनवाज की वहां खूब सक्रियता रही। आजमगढ़ के ही आरिज खान, मिर्जा शादाब, मोहम्मद खालिद और मोहम्मद साजिद के बारे में यह सूचना थी कि नेपाल में पनाह लिए हैं। अब इन आरोपियों के भी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार की सीमा में घुसपैठ का अंदेशा है। खंडवा जेल से भागे और बिजनौर में धमाका करने वाले कई आतंकियों के बारे में भी नेपाल में छिपने की खबर आयी थी। उनके भी दोबारा घुसपैठ का अंदेशा है। इरफान के पकड़े जाने के बाद आइबी और एटीएस की टीमों ने नेपाल के सीमाई इलाकों में छानबीन तेज कर दी हैं। वहां से इधर आए शरणार्थियों पर नजर रखी जा रही है। सभी संदिग्धों के बारे में अभिसूचना संकलन किया जा रहा है।


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