सुप्रीम कोर्ट ने रेयान के ट्रस्टियों की जमानत रद करने से किया इन्कार
गुरुग्राम के रेयान स्कूल में पढ़ने वाले 7 साल के बच्चे प्रद्युम्न की 8 सितंबर को स्कूल के टायलेट में गला काट कर हत्या कर दी गई थी। मामले की जांच फिलहाल सीबीआइ कर रही है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रेयान इंटरनेशनल स्कूल के ट्रस्टियों के लिए बड़ी राहत की बात है। वे फिलहाल जमानत पर बने रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत रद करने की मांग सोमवार को खारिज कर दी। प्रद्युम्न के पिता बरुण चंद्र ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर स्कूल के ट्रस्टी रेयान पिंटो उनके पिता अगस्टाइन फ्रांसिस पिंटो और मां ग्रेसी पिंटो की जमानत रद करने की मांग की थी। तीनों को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने गत 21 नवंबर को अग्रिम जमानत दे दी थी।
गुरुग्राम के रेयान स्कूल में पढ़ने वाले 7 साल के बच्चे प्रद्युम्न की 8 सितंबर को स्कूल के टायलेट में गला काट कर हत्या कर दी गई थी। मामले की जांच फिलहाल सीबीआइ कर रही है।
न्यायमूर्ति आरके अग्रवाल व न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे में बरुण चंद्र ठाकुर की याचिका खारिज करते हुए कहा कि उन्हें हाईकोर्ट के अभियुक्तों को अग्रिम जमानत देने के आदेश में दखल देने का कोई उचित आधार नजर नहीं आता। कोर्ट ने कहा कि अपराध में इन तीनों के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं। सीबीआइ जांच कर रही है। सीबीआइ अभी कोई निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है। पीठ ने कहा कि वे मामले की मेरिट पर कोई टिप्पणी नही कर रहे लेकिन इन तीनों को केस में चार्जशीट दाखिल होने तक अंतरिम संरक्षण प्राप्त होने का केस बनता है। हाईकोर्ट का उन्हें अग्रिम जमानत देने का आदेश ठीक है और उसमें दखल देने का का कोई आधार नजर नही आता।
बरुण चंद्र के वकील सुशील टेकरीवाल ने पिंटो परिवार के सदस्यों की अग्रिम जमानत खारिज करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में दलील दी थी कि ये लोग प्रभावशाली हैं और मामले की जांच प्रभावित कर सकते हैं। जबकि पिंटो परिवार के वकील मुकुल रोहतगी का कहना था कि गुरुग्राम के एक स्कूल के प्रबंधन की गल्ती के लिए मुंबई में बैठे ट्रस्टियों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
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