700 ट्रेनों की बढ़ेगी गति, 48 होंगी सुपरफास्ट
संरक्षा को रेलवे टाइम टेबल से जोड़ा जाएगा, नई समय सारिणी 1 नवंबर से...
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेल संरक्षा को ट्रेनों की समय सारिणी से जोड़ने का एलान किया है। ट्रैक के नियमित रखरखाव के लिए अब ब्लॉक देने में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। इसके लिए 600-700 ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाकर समय की बचत करने का निर्णय लिया गया है। इससे 48 मेल एक्सप्रेस ट्रेनें सुपरफास्ट हो जाएंगी। नया टाइम टेबल 1 नवंबर से लागू होगा।
संवाददाता सम्मेलन में पीयूष गोयल ने पिछले एक महीने में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने कहा ट्रेनों के समय पालन में सुधार के लिए इसरो की मदद से रेल संपत्तियों की मैपिंग कराई जाएगी। कार्यो पर नजर रखने तथा कर्मचारियों की जवाबदेही तय करने के लिए मोबाइल एप विकसित किया जाएगा।
उन्होंने कहा, 'हमने संरक्षा एवं सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है। इसके लिए पैसे की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। अगर 8-10 हजार करोड़ रुपये ज्यादा लग जाएं तो कोई बात नहीं।' उन्होंने दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए ट्रेन प्रोटेक्शन वार्निग सिस्टम, मोबाइल ट्रेन रेडियो कम्यूनिकेशन तथा अत्याधुनिक सिगनल प्रणाली अपनाने तथा जरूरत पड़ने पर विदेशों से तकनीक लाने की संभावनाएं टटोलने की बात कही।
वर्दी पहनना जरूरी :
गोयल ने कहा कि ड्यूटी के दौरान सभी टीटीई तथा आरपीएफ जवानों को यूनिफॉर्म पहननी होगी। साथ ही खाने-पीने के हर सामान पर अधिकतम खुदरा मूल्य अंकित करना आवश्यक होगा। मोबाइल एप के माध्यम से यात्रियों को जनता की शिकायतों के प्रति जवाबदेह बनाया जाएगा।
गैंगमैन को फूड किट :
गोयल ने संरक्षा से जुड़े रेलकर्मियों की कार्यदशाओं में सुधार पर विशेष ध्यान देने की बात कही। गैंगमैन को स्टेशन से काफी दूर जाकर कार्य करना पड़ता है। जहां कई बार खाना-पानी मिलना मुश्किल होता है। इसलिए अब उन्हें टूल किट के साथ पानी एवं भोजन की किट भी प्रदान की जाएगी। उनकी पदोन्नति पर भी ध्यान दिया जाएगा।
रात में भी होगा रखरखाव :
ट्रैक की निगरानी मैन्युअल के बजाय उपकरणों से की जाएगी। इसके लिए अल्ट्रा सोनिक फ्लॉ डिटेक्शन सेंसर खरीदे जा रहे हैं। आइसीएफ कोचों के निर्माण को पूरी तरह से बंद करके उन्हें एलबीएच कोच से बदला जाएगा। यही नहीं, रखरखाव के कार्य चौबीसों घंटे हों, इसके लिए आधुनिक प्रकाश व्यवस्था के साथ रात में भी संरक्षा कार्य कराए जाएंगे।
टायलेट में डस्टबिन :
बायो टायलेट में डस्टबिन न होने के कारण लोग कमोड में कचरा फेंकते हैं। इसलिए अब प्रत्येक टायलेट में डस्टबिन की व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया है।
समयबद्ध कार्यान्वयन :
रेल परियोजनाओं का समयबद्ध कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए परियोजनाओं को भूमि अधिग्रहण के बाद ही मंजूरी दी जाएगी।
मढौरा कारखाना बंद नहीं होगा :
रेल मंत्री ने स्पष्ट किया कि मढ़ौरा डीजल इंजन कारखाने को बंद करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। इस पर कार्य यथावत जारी रहेगा। रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने जोड़ा कि वाराणसी डी़जल लोकोमोटिव कारखाने में डीजल व इलेक्टि्रक दोनों तरह के इंजन बनेंगे। दो इलेक्टि्रक इंजन बन भी चुके हैं। यही नहीं, जरूरत पड़ने पर डी़जल इंजन को इलेक्टि्रक में बदला जा सकता है।
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