स्कूलों में पूर्व सैनिकों की सेवा लेने पर विचार
मानव संसाधन विकास मंत्रालय एक पहल पर विचार कर रहा है। इसके तहत स्कूलों में शारीरिक प्रशिक्षण देने और देश के लिए सुरक्षा बलों की कुर्बानी के प्रति जागरुकता फैलाने में पूर्व सैनिकों की सेवाओं का उपयोग किया जाएगा।
नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्रालय एक पहल पर विचार कर रहा है। इसके तहत स्कूलों में शारीरिक प्रशिक्षण देने और देश के लिए सुरक्षा बलों की कुर्बानी के प्रति जागरुकता फैलाने में पूर्व सैनिकों की सेवाओं का उपयोग किया जाएगा।
ट्विटर पर स्मृति ईरानी और पत्रकार में जंग
मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने एक कार्यक्रम में यह बात कही। इस मौके पर उन्होंने बच्चों के लिए पांच परमवीर चक्र विजेताओं के जीवन पर आधारित किताबों का विमोचन किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश के लिए जिन्दगी कुर्बान करने वालों के योगदान के बारे में अगली पीढ़ी को बताने के लिए काफी कम प्रयास किए गए। उन्होंने कहा कि सभी 21 परमवीर चक्र विजेताओं के अलावा नेताजी सुभाष चंद्र बोस, स्वामी विवेकानंद, लेफ्टिनेंट जनरल जेएफआर जैकब, सैम मानेकशॉ, कनक लता और रानी गाइदिन्ल्यू पर किताबें होनी चाहिएं।
रोहित की खुदकुशी पर बोलीं स्मृति, कहा- दलित बनाम गैर दलित मामला नहीं
ईरानी ने कहा कि उनका मंत्रालय एक पहल पर विचार कर रहा है। इसके तहत स्कूलों में शारीरिक प्रशिक्षण मुहैया कराने और देश के गौरवशाली इतिहास के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए सेवानिवृत्त सैनिकों की सेवाओं का उपयोग किया जाएगा। इस मौके पर परमवीर चक्र विजेताओं सोमनाथ शर्मा, अरुण खेत्रपाल, शैतान सिंह, अब्दुल हमीद और कैप्टन मनोज कुमार पांडे की जीवन पर पांच किताबों का विमोचन किया गया।
राहुल भाषण देने की मेरी स्टाइल कॉपी कर रहे हैं: स्मृति
ईरानी ने एनसीईआरटी और सीबीएसई से इन किताबों को स्कूलों में अतिरिक्त सामाग्री के रूप में शामिल करने को कहा। उन्होंने कहा, 'मेरा नेशनल बुक ट्रस्ट से अनुरोध है कि ऐसी बहुत सी कहानियां हो सकती हैं जिन्हें इतिहास की किताबों से बाहर कर दिया गया हो लेकिन यह हमारी जिम्मेदारी है कि इन पर दोबारा प्रकाश डाला जाए।' इस कार्यक्रम में सेना प्रमुख दलबीर सिंह भी उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि बच्चे काल्पनिक नायकों के बारे में पढ़ते हैं लेकिन इस पहल के जरिये वे वास्तविक नायकों के बारे में जान सकेंगे। सेना प्रमुख ने ईरानी को यह आश्वासन दिया कि वह स्कूलों में पूर्व सैनिकों की सेवाओं का उपयोग करने में सहयोग करेंगे।