समाजवादी पार्टी के सांसद का पीए जासूसी कांड में गिरफ्तार, दे रहा था सेना की जानकारी
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए जासूसी करने के मामले में दिल्ली पुलिस ने समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद मुनव्वर सलीम के निजी सचिव फरहत खान को
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए जासूसी करने के मामले में दिल्ली पुलिस ने समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद मुनव्वर सलीम के निजी सचिव फरहत खान को गिरफ्तार कर लिया है। फरहत को कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया है।
इससे पहले अपराध शाखा इस मामले में मौलाना रमजान, सुभाष जांगिड़ और शोएब को गिरफ्तार कर चुकी है। ये तीनों भी रिमांड पर हैं। संयुक्त आयुक्त रविंद्र यादव ने बताया कि फरहत मुजफ्फरनगर के कैराना का रहने वाला है। वह पिछले एक साल से मुनव्वर सलीम का निजी सचिव है।
पिछले दिनों पुलिस ने पाक उच्चायोग के वीजा अफसर महमूद अख्तर को पकड़ कर जासूसी मामले का भंडाफोड़ किया था। पूछताछ के दौरान महमूद अख्तर ने फरहत के बारे में जानकारी दी थी। अख्तर ने बताया था कि फरहत खान उसे सेना, बीएसएफ और अर्द्धसैनिक बलों से जुड़े गोपनीय दस्तावेज देता है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, फरहत 1998 से आइएसआइ के संपर्क में है। उसने जल, रक्षा, गृह और पेट्रोलियम मंत्रालय से जुड़े बेहद अहम और गोपनीय दस्तावेज आइएसआइ को सौंपे हैं। इन मंत्रालयों से जुड़े कागजात वह फोटो स्टेट कराकर अपने पास रख लिया करता था। बाद में उन्हें पाक एजेंटों को मुहैया करा देता था। पाक उच्चायोग का वीजा अधिकारी महमूद अख्तर शुरू में हर मीटिंग के लिए उसे पांच हजार रुपये देता था। अब इसके लिए 25 से 30 हजार रुपये दिए जा रहे थे।
इसके अलावा वह जो भी गोपनीय दस्तावेज मुहैया करवाता था, उसके लिए अलग से मोटी रकम दी जाती थी। मुनव्वर सलीम से पहले फरहत खान अन्य सांसदों का भी पीए रह चुका है। इस वजह से उसे आसानी से संसद भवन से गोपनीय दस्तावेज मिल जाते थे। फरहत उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड का शामली जिलाध्यक्ष भी है। उसे शनिवार को पूछताछ के लिए चाणक्यपुरी स्थित क्राइम ब्रांच के इंटर स्टेट सेल में बुलाया गया था। वहां पूछताछ के बाद उसे दबोच लिया गया।
सांसद ने खुद को पाक साफ बताया
सपा के राज्यसभा सदस्य मुनव्वर सलीम ने कहा है कि फरहत मामले में वे सरकारी जांच एजेंसियों से पूरा सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि वह एक साल पहले ही पीए के रूप में उनके यहां नियुक्त हुआ था। राज्यसभा सचिवालय और पुलिस के सत्यापन के बाद ही उसे रखा गया था। उन्होंने कहा कि इस मामले में यदि मेरे या परिवार के ऊपर जरा-सा भी दाग आया, तो मैं आत्महत्या कर लूंगा।
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