RSS ने की भीमा-कोरेगांव हिंसा की निंदा, कहा-एकता और सद्भाव बनाए रखें
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मंगलवार को पुणे, मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में चल रही जाति हिंसा की निंदा की है।
नई दिल्ली,एएनआइ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने मंगलवार को पुणे, मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में चल रही जाति हिंसा की निंदा की है। आरएसएस अखिल भारतीय प्राचार प्रमुख डॉ मनमोहन वैद्य ने एक बयान में कहा, 'कोरेगांव, पुणे और महाराष्ट्र के अन्य कई जगहों पर हालिया घटनाएं बहुत दुखद और दर्दनाक हैं। आरएसएस इस तरह की हिंसा की निंदा करता है।
दोषी पाए जाने वाले लोगों को सजा देने की मांग करते हुए वैद्य ने आरोप लगाया कि, कुछ लोग समुदायों के बीच घृणा और शत्रुता पैदा करने की कोशिश कर रह हैं। उन्होंने जनता से एकता और सद्भाव बनाए रखने की अपील की। वैद्य ने कहा, 'आरएसएस जनता में एकता और सद्भाव बनाए रखने के लिए जनता से अपील करता है, जो हमेशा से आरएसएस के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता रही है।'
बता दें कि दक्षिणपंथी संगठन 'शौर्य दिवस' का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि वह इस राष्ट्र विरोधी उत्सव मानते हैं। महाराष्ट्र के पुणे से शुरु हुई हिंसा ने पूरे महाराष्ट्र राज्य को प्रभावित कर दिया है। भीमा कोरेगांव की हिंसा की घटना ने दो दिनों से राज्य में जनजीवन अस्तव्यस्त कर दिया है। आरएसएस और भाजपा दोनों पर विपक्षी नेताओं द्वारा इस हिंसा को उकसाने का आरोप लगाया जा रहा है।
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा है, 'महाराष्ट्र की भाजपा सरकार ने यह हिंसा करवाई। इसके पीछे पीछे भाजपा, आरएसएस और जातिवादी ताकतों का हाथ है।' वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, 'संघ और भाजपा दलितों को समाज में सबसे नीचे पायदान पर रखना चाहती है। ऊना, रोहित वेमुला और भीमा--कोरेगांव की हिंसा दलितों के प्रतिरोध के उदाहरण हैं।'
गौरतलब है कि वर्ष 1818 में पुणे जिले के भीमा-कोरेगांव युद्ध में अंग्रेजों ने पुणे के बाजीराव पेशवा द्वितीय की सेना को हराया था। तब अस्पृश्य समझे जाने वाली महार जाति ने तब अंग्रेजों का साथ दिया था। तब से महार जाति 'शौर्य दिवस' मना रही है।
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