In depth भीमा-कोरेगांव हिंसाः 13 शहरों में तोड़फोड़, जिग्नेश-उमर के खिलाफ FIR
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बड़ी साजिश का नतीजा लगता है। भारिपा नेता प्रकाश आंबेडकर ने बुधवार को महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया है।
मुंबई(एजेंसी)। पुणे जिले के भीमा-कोरेगांव में नववर्ष के पहले दिन मनाए गए 'शौर्य दिवस' पर भड़की हिंसा मंगलवार को राजधानी मुंबई समेत महाराष्ट्र के कई हिस्सों में फैल गई। मुंबई के चेंबूर व मुलुंड हार्बर लाइन पर लोकल ट्रेन सेवा रोकी गई।
मुंबई-पुणे को जोड़ने वाले ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे का ट्रैफिक भी रोकना पड़ा। सैकड़ों वाहनों में तोड़तोड़ की गई। उधर, मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने हिंसा की न्यायिक जांच का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि यह बड़ी साजिश का नतीजा लगता है। भारिपा नेता प्रकाश आंबेडकर ने बुधवार को महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया है।
मुंबई पुलिस ने जारी की एडवाइजरी
आज के बंद को देखते हुए मुंबई ट्रैफिक पुलिस ने लोगों को जाम से बचने के लिए ऑल्टरनेटिव रूट्स से जाने की सलाह दी। खास तौर से ईस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे पर रमाबाई आंबेडकर नगर, छेड़ा नगर और कामराज नगर से होकर नहीं जाने का सुझाव दिया गया है।
जिग्नेश-उमर खालिद के खिलाफ एफआईआर दर्ज
पुणे के पुलिस स्टेशन में जिग्नेश मेवाणी और उमर खालिद के खिलाफ भड़काऊ बयान देने की एफआईआर दर्ज की गई है। इसके मुताबिक, इनके बयानों के बाद दो समुदायों में हिंसा भड़की।
एकबोते व भिड़े पर केस
पुणे की पिंपरी पुलिस ने हिंदू एकता अघाड़ी के मिलिंद एकबोते व शिवराज प्रतिष्ठान के संभाजी भिड़े के खिलाफ हिंसा भड़काने का केस दर्ज किया है। दोनों संगठनों ने भीमा-कोरेगांव युद्ध में 'अंग्रेजों की जीत' को शौर्य दिवस के रूप में मनाने का विरोध किया था। महाराष्ट्र का दलित समुदाय 200 साल से यह मनाता आ रहा है। अब इसके विरोध से दलित समुदाय उग्र हो उठा। मुंबई में ही 160 से ज्यादा बसों में तोड़फोड़ की गई। पुलिस ने 100 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है।
यहां हुए प्रदर्शन, तोड़फोड़
मुंबई, कोल्हापुर, परभणी, लातुर, अहमदनगर, औरंगाबाद, हिंगोली, कोल्हापुर, नांदेड़ व ठाणे, विक्रोली, मानखुर्द, गोवंडी।
नांदेड़ में युवक की मौत
हिंसा की शुरुआत सोमवार को कोरेगांव-भीमा गांव में शौर्य दिवस मनाने के बाद से हुई थी। इसी दिन महाराष्ट्र के दलित महार समुदाय का अन्य समुदाय के लोगों से टकराव हो गया था। नांदेड़ में हिंसा में एक युवक की मौत हो गई थी।
बदनाम करने की साजिश
फड़णवीस मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा कि यह राज्य सरकार को बदनाम करने की साजिश है। सरकार ने हिंसा की बॉम्बे हाई कोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश से जांच के आदेश दे दिए हैं। मुख्यमंत्री ने मृतक के परिजनों को 10 लाख का मुआवजा देने और सीआईडी जांच के आदेश दिए हैं। सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने वालों पर क़़डी कार्रवाई की जाएगी। भीमा-कोरेगांव में तीन लाख लोग एकत्र हुए थे। कुछ लोगों ने गंभीर संकट पैदा करने की कोशिश की लेकिन वहां मौजूद सुरक्षा कर्मियों की छह कंपनियों ने हालात काबू में किए और बड़ी समस्या पैदा होने से रोक दी।
सरकार हिंसा रोकने में विफल
आंबेडकर बहुजन महासंघ के नेता व बाबा साहब आंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि राज्य सरकार हिंसा रोकने में विफल रही है। इसलिए बुधवार को बंद बुलाया गया है। अगर कार्रवाई नहीं हुई तो हम आंदोलन करेंगे। बंद शांतिपूर्ण होगा।
इसलिए मनाते हैं 'शौर्य दिवस'
वर्ष 1818 में पुणे जिले के भीमा-कोरेगांव युद्ध में अंग्रेजों ने पुणे के बाजीराव पेशवा द्वितीय की सेना को हराया था। तब अस्पृश्य समझे जाने वाली महार जाति ने तब अंग्रेजों का साथ दिया था। तब से महार जाति 'शौर्य दिवस' मना रही है। इस बार कुछ दक्षिणपंथी संगठनों ने विरोध किया, इसलिए हिंसा भड़क गई।
..हिंसा पर सियासत शुरू..
-संघ और भाजपा दलितों को समाज में सबसे नीचे पायदान पर रखना चाहती है। ऊना, रोहित वेमुला और भीमा--कोरेगांव की हिंसा दलितों के प्रतिरोध के उदाहरण हैं। -राहुल गांधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष
-महाराष्ट्र की भाजपा सरकार ने यह हिंसा करवाई। इसके पीछे पीछे भाजपा, आरएसएस और जातिवादी ताकतों का हाथ है। --मायावती, बसपा प्रमुख
-महाराष्ट्र सरकार ने एहतियात नहीं बरती इसलिए हिंसा भड़की। सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र के लोग तनाव शांत करने आगे आएं। --शरद पवार, राकांपा प्रमुख
-दलित व मराठा समुदाय में पैदा हुए तनाव का असामाजिक तत्व तनाव का फायदा उठाने की कोशिश में हैं। लोग अफवाहों पर ध्यान न दें। --अशोक चव्हाण, महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष