केरल में 40 साल पुराने वाम गठबंधन में फूट
लोकसभा चुनाव से पहले केरल की राजनीति में उठापटक शुरू हो गई है। रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी [आरएसपी] ने लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट [एलडीएफ] से 40 वर्ष पुराने रिश्ते को तोड़कर कांग्रेस के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ यूडीएफ के साथ गठबंधन करने का निर्णय किया है। कांग्रेस हाईकमान से हरी झंडी मिलने के
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले केरल की राजनीति में उठापटक शुरू हो गई है। रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी [आरएसपी] ने लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट [एलडीएफ] से 40 वर्ष पुराने रिश्ते को तोड़कर कांग्रेस के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ यूडीएफ के साथ गठबंधन करने का निर्णय किया है। कांग्रेस हाईकमान से हरी झंडी मिलने के बाद केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी के आवास पर दोनों दलों के बीच प्रारंभिक दौड़ की वार्ता हुई है।
कोल्लम सीट न मिलने से नाराज आरएसपी ने शनिवार को एलडीएफ से अलग होने की घोषणा की थी। इस सीट पर आरएसपी पूर्व सांसद एनके प्रेमचंद्रन को अपना प्रत्याशी बनाने पर अड़ी है, जबकि माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य एमए बेबी को उतारने पर तुली है। बताया जा रहा है कि कोल्लम सीट पर समर्थन के बदले कांग्रेस ने आरएसपी से केंद्र में संप्रग के लिए समर्थन मांगा है। बैठक में चांडी के अलावा कांग्रेस की ओर से राज्य कांग्रेस प्रमुख वीएम सुधीरन, गृह मंत्री रमेश चेन्निथला और यूडीएफ संयोजक पीपी थंकचन ने हिस्सा लिया। आरएसपी की ओर से राज्य सचिव एए अजीज, वीपी रामकृष्ण पिल्लई और प्रेमचंद्रन ने वार्ता में भाग लिया। बैठक के बाद चांडी ने बताया कि अगले एक-दो दिनों में समर्थन की औपचारिक घोषणा की जाएगी। आरएसपी नेता अजीज ने इसपर ज्यादा जानकारी देने से इन्कार कर दिया।
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इस पूरे प्रकरण पर भाकपा महासचिव एस. सुधाकर रेड्डी ने करात को रविवार को पत्र लिखकर कहा, हमलोगों को न केवल राज्य स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर इसे [टूट की वजह] समझाने में दिक्कत होगी। उम्मीद है कि एलडीएफ को बरकरार रखने के लिए उचित समझौता किया जाएगा। रेड्डी ने आरएसपी को मोर्चे में वापस लाने के लिए सभी प्रयास करने का आग्रह किया है। एक अन्य घटनाक्रम में माकपा ने रक्षा मंत्री एके एंटनी और केरल कांग्रेस प्रमुख वीएम सुधीरन के लंबे समय तक समर्थक रहे पी. थॉमस का समर्थन करने का फैसला किया है। वह बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरेंगे।