पटरी चटकने से दुर्घटनाग्रस्त हुई थी हीराखंड एक्सप्रेस, जांच एजेंसी एनआइए ने जताया था तोड़फोड़ का शक
Hirakhand Express derailment साल 2017 में आंध्र प्रदेश में हुई जिस हीराखंड एक्सप्रेस दुर्घटना में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने तोड़फोड़ की आशंका जताई थी अब उसी मामले में रेलवे संरक्षा आयुक्त ने रेल पटरी चटकने को कारण बताया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। साल 2017 में आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में हुई जिस हीराखंड एक्सप्रेस (Hirakhand Express) दुर्घटना में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency, NIA) ने तोड़फोड़ की आशंका जताई थी अब उसी मामले में रेलवे संरक्षा आयुक्त (Commissioner of Railway Safety) ने रेल पटरी चटकने को कारण बताया है। मालूम हो कि इस रेल हादसे में 40 लोगों की मौत हुई थी और कई घायल हुए थे।
दक्षिण मध्य क्षेत्र के रेलवे संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) राम कृपाल (Ram Kripal) ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि यह ट्रेन हादसा टंग लाइन में फैक्चर (fracture of tongue rail) से हुआ। टंग लाइन नौ मीटर का वह टुकड़ा होता है जिससे कोई ट्रेन एक पटरी से दूसरी पटरी पर जाती है। हादसे के बाद मौके पर पटरी का टूटा टुकड़ा मिला था। इसे जांच के लिए एनआइए (National Investigation Agency, NIA) को सौंप दिया गया था।
सीआरएस ने अपनी इस रिपोर्ट में एनआइए (National Investigation Agency, NIA) की एफआइआर का कोई हवाला नहीं दिया है। उन्होंने इस हादसे के लिए ईस्ट कोस्ट रेलवे के सिविल इंजीनियरिंग विभाग को जिम्मेदार ठहराने योग्य बताया है। हालांकि उन्होंने किसी को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार नहीं ठहराया है। इस संबंध में रेलवे प्रवक्ता डीजे नरायण ने कहा कि दुर्भाग्य से अतीत में रेल हादसे होते रहे हैं। लेकिन अब इस तरह के हादसे अतीत की बात हो गई है।
रेलवे ने हादसे रोकने के लिए जीतोड़ मेहनत की है। भारतीय रेल के इतिहास में पिछले दो साल सबसे सुरक्षित रहे हैं। इस अवधि में मानवीय चूक से किसी यात्री की जान नहीं गई। इस मामले में एनआइए (National Investigation Agency, NIA) ने अब तक अपनी जांच रिपोर्ट नहीं सौंपी है। उल्लेखनीय जगदलपुर से भुवनेश्वर के बीच चलने वाली 18448 हीराखंड एक्सप्रेस 21 जनवरी 2017 को दुर्घटना का शिकार हो गई थी। इस हादसे में 40 लोगों की मौत होने के साथ 68 यात्री घायल भी हुए थे।