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कंपनियां आए दिन काली सूची में डालने से आपूर्ति की दिक्कत : पर्रिकर

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने शनिवार को कहा कि रक्षा उत्पादों की आपूर्ति करने वाली कंपनियों को छोटे-छोटे मुद्दों पर आए दिन काली सूची में डालने से सशस्त्र सेनाओं का आपूर्ति चक्र प्रभावित होता है। लेकिन गंभीर अपराधों में कंपनियों को बख्शा नहीं जा सकता।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Sat, 07 Feb 2015 05:46 PM (IST)Updated: Sat, 07 Feb 2015 06:28 PM (IST)
कंपनियां आए दिन काली सूची में डालने से आपूर्ति की दिक्कत : पर्रिकर

हैदराबाद। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने शनिवार को कहा कि रक्षा उत्पादों की आपूर्ति करने वाली कंपनियों को छोटे-छोटे मुद्दों पर आए दिन काली सूची में डालने से सशस्त्र सेनाओं का आपूर्ति चक्र प्रभावित होता है। लेकिन गंभीर अपराधों में कंपनियों को बख्शा नहीं जा सकता।

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पर्रिकर ने समग्र राष्ट्रीय सुरक्षा फोरम के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कंपनियों को काली सूची में डालने का विकल्प बगैर भेदभाव के भी सीमित किया जा सकता है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि काली सूची में डालने की प्रक्रिया हो ही नहीं वह ऐसा नहीं चाहते। अगर किसी ने गंभीर अपराध किया है तो उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलनी ही चाहिए। लेकिन इस हालात को भी समझने की जरूरत है कि कुछ छोटे मुद्दे के कारण कंपनियों की एक लंबी फेहरिस्त को काली सूची में डालना अहितकर है।

उन्होंने टाट्रा ट्रकों से आंशिक प्रतिबंध हटाने के सरकार के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि इससे कुछ बहुत अहम उपकरणों की आपूर्ति प्रभावित हो रही थी। उन्होंने पाया कि करीब दस प्रतिशत ट्रक उसके उपकरण न मिलने से बंद हो जाते। रक्षा बलों की आवश्यकता पहली वरीयता पर है।

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