Odisha Train Accident: हादसे के बाद तेजी से चल रहा मरम्मत कार्य, 39 घंटे बाद डाउन मेन लाइन को किया गया बहाल
ओडिशा रेल दुर्घटना के 39 घंटे बाद डाउन मेन लाइन को आज दोपहर 1205 बजे से बहाल कर दिया गया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने खुद ट्वीट कर दी जानकारी। हालांकिअभी भी मरम्मत कार्य तेजी से चल रहा है। (फोटो- एजेंसी)
बालासोर,एजेंसी। ओडिशा में हुए दर्दनाक रेल हादसे के बाद तेज गति से मरम्मत कार्य किया गया। वहीं, हादसे के 39 घंटे बाद डाउन मेन लाइन को आज दोपहर 12:05 बजे से बहाल कर दिया गया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने खुद ट्वीट कर दी जानकारी। वहीं, आज वैष्णवन ने इस बात का खुलासा भी कर दिया है कि आखिरकार दो ट्रेनों और मालगाड़ी में कैसे भीषण हादसा हुआ।
क्या है इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग?
घटना के 39 घंटे बाद केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि घटना की असली वजह इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव रही है। साथ ही, उन्होंने बताया कि इसके लिए जो भी जिम्मेदार थे, उनकी पहचान भी की जा चुकी है। इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिग्नल तंत्र की व्यवस्था है। दरअसल, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम के जरिए ट्रेन का ट्रैक तय किया जाता है। इस सिस्टम का उद्देश्य यह है कि किसी भी ट्रेन को तब तक आगे बढञने का संकेत नहीं दिया जाता, जब तक आगे का मार्ग सुरक्षित न हो जाए।
'इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव से हुआ हादसा'
एएनआई से बात करते हुए कि अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के दौरान जो बदलाव हुआ, उसी के चलते हादसा हुआ। यह किसने किया और कैसे हुआ यह उचित जांच के बाद पता चलेगा। इस बीच, आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार रात हुए इस हादसे में 275 लोगों की मौत हो गई और 1000 से अधिक लोग घायल हो गए। बालासोर जिले के बहनागा बाजार स्टेशन पर तीन अलग-अलग पटरियों पर बेंगलुरू-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी में तीन-तरफा दुर्घटना हुई।
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रेलवे बोर्ड ने बताई हादसे की वजह
ओडिशा में हुए दर्दनाक रेल हादसे पर रेल मंत्रालय ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। रेलवे बोर्ड ने कहा कि सिर्फ कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे का शिकार हुई थी, जबकि मालगाड़ी लूप लाइन में खड़ी थी। रेलवे बोर्ड के संचालन और व्यवसाय विकास सदस्य जया वर्मा सिन्हा ने बताया कि मालगाड़ी लूप लाइन पर खड़ी थी, इसके बावजूद कोरोमंडल एक्सप्रेस को ग्रीन सिग्नल मिला। इसके चलते कोरोमंडल ट्रेन पटरी से उतर गई।उन्होंने बताया कि रेलवे ने हादसे के बाद सबसे पहले राहत और बचाव कार्य किया, जिसके बाद मरम्मत का कार्य किया जा रहा है।