यूपीए सरकार का था रेल किराया बढ़ाने का प्रस्ताव
वाराणसी। बजट से पहले ही रेल किराया बढ़ाने को लेकर जनता का आक्रोश झेल रही केंद्र सरकार ने शनिवार को खुद का बचाव किया। बनारस दौरे पर आए रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने इसे केंद्र की पूर्ववर्ती यूपीए सरकार का प्रस्ताव बताया। मीडिया से मुखातिब रेल राज्यमंत्री ने कहा कि केंद्र की पूर्ववर्ती मनमोहन सरकार ने अपने अंतरिम बजट में
वाराणसी। बजट से पहले ही रेल किराया बढ़ाने को लेकर जनता का आक्रोश झेल रही केंद्र सरकार ने शनिवार को खुद का बचाव किया। बनारस दौरे पर आए रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने इसे केंद्र की पूर्ववर्ती यूपीए सरकार का प्रस्ताव बताया। मीडिया से मुखातिब रेल राज्यमंत्री ने कहा कि केंद्र की पूर्ववर्ती मनमोहन सरकार ने अपने अंतरिम बजट में रेल किराया बढ़ाने का प्रस्ताव किया था।
चूंकि चुनाव आचार संहिता लागू हो गई थी इसलिए किराया बढ़ाने का प्रस्ताव लागू नहीं हो पाया। यूपीए सरकार ने प्रस्ताव पर फैसला अगली सरकार पर टाल दिया था। सिन्हा ने कहा कि रेलवे की कई महत्वाकांक्षी योजनाओं को क्रियान्वित करना है। हाई स्पीड ट्रेनों के परिचालन के साथ ही यात्री सुविधाएं बढ़ाने की दिशा में केंद्र सरकार ने कारगर पहल की है। इसके लिए धन की आवश्यकता है। इसलिए किराया बढ़ाने जैसा अप्रिय निर्णय लेना पड़ा।
उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय डीजल की कीमतों में वृद्धि के परिप्रेक्ष्य में वर्ष में दो बार रेल किराया व माल भाड़ा बढ़ाने के प्रस्ताव की समीक्षा करता है। रेल राज्यमंत्री ने बताया कि अगले पांच वर्ष में देशभर में मानव रहित क्रासिंग खत्म हो जाएंगे। सेना के अवकाश प्राप्त जवानों को क्रासिंग पर तैनात किया जाएगा। इससे जहां सेवानिवृत्त जवानों के रोजगार का मार्ग प्रशस्त होगा, वहीं उनके समायोजन की दिशा में भी सफलता मिलेगी।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र शामिल होने से पूर्वाचल का बजट इस बार कुछ खास होगा। उन्होंने कहा कि दलालों पर पूर्ण अंकुश के लिए कारगर कदम उठाए जा रहे हैं।