मोदी सरकार के गठन की सूचना खुलासा करने से इन्कार
राष्ट्रपति सचिवालय ने 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद सरकार गठन के लिए नेता को आमंत्रित करने वाले संदेश का खुलासा करने से मना कर दिया है।
नई दिल्ली (प्रेट्र)। राष्ट्रपति सचिवालय ने 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद सरकार गठन के लिए पारंपरिक रूप से नेता को आमंत्रित करने वाले संदेश का खुलासा करने से मना कर दिया है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नरेंद्र मोदी को सरकार गठित करने के लिए बुलाया था। राष्ट्रपति के सचिवालय ने कहा है कि यह संदेश विश्वास संबंधी है। इसे ही आधार बनाते हुए मना किया गया है।
राष्ट्रपति सचिवालय के तर्क को स्वीकार करते हुए केंद्रीय सूचना आयोग ने जयपुर के प्रकाश शुक्ला की अर्जी खारिज कर दी। शुक्ला ने दावा किया था कि संविधान में सरकार गठन का दावा करने का प्रावधान नहीं है। उन्होंने यह जानने का प्रयास किया था कि किस प्रावधान के तहत मुखर्जी ने मोदी को सरकार गठित करने के लिए आमंत्रित किया था।
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शुक्ला ने कहा था कि मोदी के पत्र और फाइल नोटिंग से वह जान सकेंगे कि सरकार गठन के लिए भाजपा नेता ने क्या दावा किया था। राष्ट्रपति सचिवालय ने धारा 8(1)(सी) का उल्लेख किया था। ऐसी सूचना का खुलासा नहीं किया जा सकता है जिससे संसदीय विशेषाधिकार का हनन हो सकता है। सचिवालय ने धारा 8(1)(ई) का भी उल्लेख किया था जिसमें विश्वास संबंधी सूचना को आरटीआइ एक्ट के दायरे से बाहर रखा गया है।