राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने लोहड़ी, मकर संक्रांति, पोंगल, बिहू पर देशवासियों को दी बधाई
राष्ट्रपति ने कहा लोहड़ी मकर संक्रांति पोंगल भोगली बिहू उत्तरायण और पौष पर्व पर सभी को शुभकामनाएं देता हूं। हमारे देश को परिभाषित करने वाली विविधता में एकता पर प्रकाश डालते हुए ये त्यौहार प्रकृति और कृषि के संबंधों को रेखांकित करते हैं।
नई दिल्ली, एएनआइ। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने बुधवार को लोहड़ी, मकर संक्रांति, पोंगल, भोगली बिहू, उत्तरायण और पौष पर्व के अवसर पर देशवासियों को बधाई दी। राष्ट्रपति ने ट्वीट करते हुए कहा कि ये त्यौहार प्रकृति और कृषि के बीच अभिन्न संबंधों को रेखांकित करते हैं।
Greetings to all on Lohri, Makar Sankranti, Pongal, Bhogali Bihu, Uttarayan & Paush Parva. Highlighting the unity in diversity that defines our country, these festivals underline our organic relationship with nature. May the festivals bring prosperity and happiness to everyone.
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 13, 2022
उन्होंने कहा, लोहड़ी, मकर संक्रांति, पोंगल, भोगली बिहू, उत्तरायण और पौष पर्व पर सभी को शुभकामनाएं देता हूं। हमारे देश को परिभाषित करने वाली विविधता में एकता पर प्रकाश डालते हुए, ये त्यौहार प्रकृति और कृषि के संबंधों को रेखांकित करते हैं। मैं कामना करता हूं कि ये त्यौहार सभी के लिए समृद्धि और खुशी लाएं।
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भी देशवासियों को लोहड़ी की बधाई दी है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि लोहड़ी की पावन अग्नि (sacred bonfires) लोगों के जीवन से सभी बाधाओं को दूर कर देगी। उन्होंने एक ट्वीट करते हुए कहा, लोहड़ी फसल के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है।
उपराष्ट्रपति सचिवालय ने नायडू के हवाले से ट्वीट करते हुए कहा, पावन अग्नि हमारे जीवन से सभी बाधाओं और नकारात्मकता को दूर करें और हमारे जीवन में अच्छे स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि की शुरुआत करे।
देशवासियों को लोहड़ी की हार्दिक शुभकामनाएं!
हर्ष और उल्लास से मनाया जाने वाला यह पर्व भारतीय जीवन और कृषि के गहरे जुड़ाव का प्रतीक है। लोहड़ी की पावन अग्नि हम सभी के जीवन को शुभता, समृद्धि और स्वास्थ्य से प्रकाशित करे! #Lohri pic.twitter.com/JwXDzGZh06
— Vice President of India (@VPSecretariat) January 13, 2022
बता दें कि लोहड़ी, मकर संक्रांति, पोंगल, भोगली बिहू, उत्तरायण और पौष पर्व के त्यौहार फसलों की कटाई के मौसम को चिह्न्ति करते हैं क्योंकि सर्दियों का मौसम समाप्त होता है और वसंत ऋतु की शुरुआत होती है।