'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' पर सियासी घमासान, भाजपा-कांग्रेस आमने सामने
कांग्रेस अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी व शक्ति सिंह गोहिल ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरदार को लेकर राजनीति कर रही है। सरदार ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था।
जागरण संवाददाता, अहमदाबाद: सरदार पटेल की 142वीं जयंती देशभर में धूमधाम से मनी। लेकिन, गुजरात में विधानसभा चुनाव होने के चलते सरदार की विरासत को लेकर भाजपा और कांग्रेस में घमासान मचा है। सरदार पटेल की प्रतिमा चीन में बनने को लेकर भी आरोप-प्रत्यारोप लग रहे हैं। इस पर मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा कि प्रतिमा भारत में बनी है। केवल उस पर लेप चीन में चढ़ाया जा रहा है।
रुपाणी ने गांधीनगर में कहा कि सरदार सरोवर नर्मदा बांध से तीन किमी दूर केवडिया में बनने वाली दुनिया की सबसे ऊंची स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण देश में ही हो रहा है। 128 टन से अधिक लोहे से यह प्रतिमा तैयार हो रही है।
चीन के पास इस पर लेप चढ़ाने की तकनीक है। इसलिए लेप चढ़ाने का काम वहां हो रहा है। गौरतलब है कि प्रतिमा का 18 मीटर सिर केवडिया पहुंच गया है तथा आगामी दो-तीन वर्ष में इसका निर्माण पूरा हो जाएगा।
उधर, कांग्रेस अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी व शक्ति सिंह गोहिल ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरदार को लेकर राजनीति कर रही है। सरदार ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था। उस पत्र को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर लगाना चाहिए, ताकि संघ को लेकर सरदार के विचार दुनिया को पता चल सके।
गोहिल ने कहा कि सरदार 25 साल गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। गांधी, सरदार और नेहरु की जोड़ी ने देश को आजाद कराने में अहम भूमिका निभाई। भाजपा के किसी नेता ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग नहीं लिया। इसलिए वह सरदार पटेल के नाम का सहारा ले रही है।
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