पीएम मोदी का पाक को मुंहतोड़ जवाब, कहा- गुलाम कश्मीर भी हमारा
ऑल पार्टी मीटिंग में विपक्ष ने केंद्र को कश्मीर के मुद्दे को सुलझाने के लिए एक रोड मैप तैयार करने की सलाह दी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कहा है कि गुलाम कश्मीर, यानी पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) भी भारत का अभिन्न हिस्सा है। सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि अपने नागरिकों पर लड़ाकू विमान से बम बरसाने वाले पाकिस्तान को गुलाम कश्मीर और बलूचिस्तान में होने वाले अत्याचारों का जवाब देना पड़ेगा। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा और आतंकवाद का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर में जारी उपद्रवी हिंसा पर संसद में जाहिर की गई चिंता के मद्देनजर शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। चार घंटे की इस बैठक में सभी दलों के नेताओं की राय सुनने के बाद नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत ही गुलाम कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बताने से की। उन्होंने कहा कि जब हम जम्मू-कश्मीर की बात करते हैं तो फिर राज्य के चार भागों- जम्मू, लद्दाख, कश्मीर घाटी और पीओके की चर्चा करनी चाहिए।
पाक का दुष्प्रचार कोई स्वीकार नहीं करेगा
मोदी ने जम्मू-कश्मीर में पिछले 25 सालों में पाक के आतंकी करतूतों के कुछ आंकड़े देते हुए कहा कि पाकिस्तान लाख झूठ बोले, तब भी दुनिया कभी उसके दुष्प्रचार को स्वीकार नहीं करेगी। कश्मीर को लेकर पाक के घडि़याली आंसू पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने उसे बलूचिस्तान और गुलाम कश्मीर में लोगों पर हो रहे गंभीर अत्याचारों का आईना दिखाया। मोदी ने कहा कि वह विदेश मंत्रालय को कहेंगे कि दुनिया भर में गुलाम कश्मीर के लोग जहां भी हैं, उनसे संपर्क कर पाक अत्याचार के कारनामों को दुनिया के सामने लाए। पीएम ने यह भी कहा कि इस हकीकत की अनदेखी नहीं की जा सकती कि सदियों से रह रहे कश्मीरी पंडितों को घाटी से विस्थापित करने के पीछे भी पाकिस्तान का हाथ रहा है। एक समुदाय विशेष के विरुद्ध इस प्रकार की ज्यादती पाकिस्तान में प्रशिक्षित और हथियारों से लैस किए गए आतंकवादियों और उनसे सहानुभूति रखने वालों का काम है। यह कश्मीरियत नहीं हो सकती।
मोदी ने कहा कि हम जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित करना चाहते हैं और हाल की घटनाओं से उनके हृदय को भी काफी गहरा दुख पहुंचा है। उन्होंने कहा कि हम लोगों के बुनियादी अधिकारों के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसलिए फिर यह दोहराना चाहते हैं कि सरकार संवैधानिक और लोकतांत्रिक दायरे में लोगों की सभी जायज शिकायतें दूर कर शांति बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए सिविल सोसायटी और नागरिक गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाएगा। लेकिन इस बात में कोई दो मत नहीं है कि आतंकवाद से मुकाबले में कोई समझौता नहीं होगा।
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युवाओं को आर्थिक गतिविधियों से जोड़ेंगे
पीएम ने कहा कि जिन राज्यों में जम्मू-कश्मीर के लोग रह रहे हैं, चाहे वे किसी भी धर्म के हों, उन्हें अपने प्रदेश के लोगों से संपर्क कर भारत के दूसरे प्रदेशों की प्रगति के बारे में बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार कश्मीर के युवकों को राज्य की सक्रिय आर्थिक गतिविधियों से जोड़ने की प्रक्रिया तेज करेगी। राज्य के आर्थिक विकास के लिए पिछले दिनों 80 हजार करोड़ रुपये से अधिक का विशेष पैकेज देने का फैसला हुआ है।
जवाब मिलकर देना होगा
पीएम ने सभी राजनीतिक दलों से जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर एकजुटता के साथ रचनात्मक सहयोग मांगते हुए कहा कि आतंकवाद और विध्वंस का जवाब मिलकर ही देना होगा। उन्होंने कहा कि भारत के कानून के शासन और संयम को उसकी कमजोरी समझना विरोधी ताकतों की बड़ी भूल होगी। आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने की आड़ में हो रही हिंसा में सुरक्षा बलों के संयम और बड़ी संख्या में घायल होने के बाद भी प्रतिबद्धता की पीएम ने पूरी सराहना की।
सभी दलों के नेता हुए शामिल
इस बैठक में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल घाटी भेजे जाने पर फैसला नहीं हुआ और संसद में पारित प्रस्ताव को ही सभी दलों ने यहां दुहराया। इसमें संसद के दोनों सदनों के सभी दलों के नेता मौजूद थे। इसमें कांग्रेस की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गुलाम नबी आजाद और मल्लिकार्जुन खड़गे आदि शामिल थे।
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बलूचिस्तान अौर पीअोके पर पाक जवाब देः राजनाथ
सर्वदलीय बैठक के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सभी पार्टियों ने अपना पक्ष ठीक मंशा के साथ सामने रखा। पीएम मोदी ने कहा कि वक्त आ चुका है कि बलूचिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में लोगों पर अत्याचार के संबंध पाकिस्तान दुनिया को जवाब दे। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और उसके लोगों के सर्वांगीण विकास के लिए केंद्र ने 80 हजार करोड़ का पैकेज देने का फैसला लिया है।
सुरक्षा के मामले में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगीः अरुण जेटली
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सभी पार्टियों का मत था कि राष्ट्रीय सुरक्षा के समझौता नहीं होना चाहिए। सभी पार्टियों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के आम नागरिकों की समस्या के बारे में भी विचार होना चाहिए। सुरक्षा बलों को पूरी तरह से संयमित रहते हुए कार्रवाई करने की सलाह दी गई है। साथ ही, जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में कर्फ्यू से राहत भी दे दी गई है। क्या सरकार जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर हुर्रियत से बात करेगी? इस सवाल पर जेटली ने कहा कि सरकार हालिया परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए इस संबंध में फैसला लेगी। सुरक्षा के मामले में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी। हालांकि, सुरक्षा बल पूरे संयम के साथ कार्रवाई करेंगे।
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