मनमोहन-ओबामा मुलाकात से पूर्व हेडली को सौंपने पर फैसला संभव
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अमेरिका यात्रा से पहले लश्कर आतंकी डेविड कोलमैन हेडली और उसके सहयोगी तहव्वुर हुसैन राणा को सीमित अवधि के लिए भारत को सौंपने के मामले पर अंतिम फैसला लिया जा सकता है। इसको लेकर मुंबई हमले (26/11) की जांच में जुटी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) और अमेरिकी न्याय विभाग के अि
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अमेरिका यात्रा से पहले लश्कर आतंकी डेविड कोलमैन हेडली और उसके सहयोगी तहव्वुर हुसैन राणा को सीमित अवधि के लिए भारत को सौंपने के मामले पर अंतिम फैसला लिया जा सकता है। इसको लेकर मुंबई हमले (26/11) की जांच में जुटी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) और अमेरिकी न्याय विभाग के अधिकारियों के बीच वीडियो कांफ्रेंसिंग (वीसी) के जरिये जल्द ही बातचीत होने वाली है।
सूत्रों के मुताबिक मनमोहन सिंह की सितंबर में प्रस्तावित अमेरिकी दौरे से पहले ही एनआइए और न्याय विभाग के बीच वार्ता होने की संभावना है। भारत के अनुरोध के बावजूद अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआइ ने अमेरिकी मूल के पाकिस्तानी नागरिक हेडली और पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा को पूछताछ के लिए सौंपने में असमर्थता जताई थी। इस साल मई में अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी वार्ता के दौरान भी भारत ने इस मुद्दे को उठाया था। हालांकि, एनआइए हेडली से पूछताछ कर चुकी है।
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संभावना जताई जा रही है कि अमेरिका भारत को राणा से पूछताछ की अनुमति दे सकता है। भारतीय जांचकर्ताओं को राणा से पूछताछ का मौका अभी तक नहीं मिला है। भारत को उम्मीद है कि राणा से पूछताछ में मुंबई हमले की साजिश के संबंध में महत्वपूर्ण तथ्य सामने आ सकते हैं।
मुंबई हमले समेत 12 आतंकी मामलों में संलिप्तता को लेकर अमेरिकी कोर्ट ने हेडली को 25 साल कैद की सजा सुनाई है। राणा को मुंबई हमले में दोषी नहीं ठहराया गया है। हालांकि, डेनमार्क में हमले की साजिश रचने को लेकर राणा को 14 साल जेल की सजा सुनाई गई है।
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