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    अगले पांच महीनों में सड़कों पर दौड़ेंगी 10 हजार इलेक्ट्रिक बसें, पीएम ई-बस सेवा 100 शहरों में होगी शुरू

    By AgencyEdited By: Shalini Kumari
    Updated: Thu, 31 Aug 2023 05:59 PM (IST)

    केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने कहा कि पीएम-ईबस सेवा योजना जिसके तहत सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के अंतर्गत 169 शहरों को 10000 इलेक्ट्रिक बसें प्रदान की जाएंगी। यह योजना अगले पांच-छह महीनों में शुरू की जाएगी। इस योजना की अनुमानित लागत 57613 करोड़ रुपये होगी जिसमें से 20000 करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा दिए जाएंगे और शेष राशि राज्य वहन करेगा।

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    अगले पांच-छह महीने में शुरू हो जाएगी 'पीएम-ईबस सेवा'

    नई दिल्ली, पीटीआई। 'पीएम-ईबस सेवा' योजना के तहत, 169 शहरों को 10,000 इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराई जाएंगी। सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत शुरू होने वाली यह योजना अगले पांच-छह महीनों में शुरू कर दी जाएगी। केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी है।

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    30 सितंबर कर जमा करने होंगे प्रस्ताव

    एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि जल्द ही केंद्र सरकार इसके लिए वातानुकूलित बसें खरीदने जा रही है। आवास और शहरी मामलों के सचिव, मनोज जोशी ने कहा कि यह योजना 169 शहरों में शुरू की जाएगी और राज्यों को 30 सितंबर तक अपना प्रस्ताव जमा करना होगा।

    मेट्रो जैसा अनुभव देगी बसें

    मनोज जोशी ने कहा कि दिशानिर्देश दो दिन पहले जारी कर दिए गए थे। अधिकारी ने कहा, "इन इलेक्ट्रिक बसों में मेट्रो जैसा अनुभव होगा। जोशी के मुताबिक, इस बस के टिकट भी ऑटोमेटिक फेयर सिस्टम के जरिए मिलेंगे। योजना के तहत, इन बसों को चलाने वाले ऑपरेटरों को प्रति किलोमीटर 20-40 रुपये का भुगतान किया जाएगा।

    57 हजार करोड़ रुपये की लागत की योजना

    पुरी ने कहा कि इस योजना में केंद्र, राज्य सरकार और सेवा प्रदाता शामिल हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि पीएम ई-बस योजना बहुत अच्छा काम करेगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस महीने की शुरुआत में इस योजना को मंजूरी दे दी थी। इस योजना की अनुमानित लागत 57,613 करोड़ रुपये होगी, जिसमें से 20,000 करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा दिए जाएंगे और शेष राशि राज्य वहन करेगा।

    2037 तक जारी रहेगी सेवा

    सरकार ने कहा कि जिम शहरों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां व्यवस्थित बस सेवा नहीं है। यह योजना 2037 तक जारी रहेगी। इस योजना के दो भाग होंगे, जिसमें 169 शहरों में सिटी बस सेवाओं को बढ़ाना और 181 शहरों में हरित शहरी गतिशीलता की पहला करना है। तीन लाख से 40 लाख तक की आबादी वाले शहरों में ई-बसें उपलब्ध कराई जाएंगी।

    केंद्रीय मंत्री ने दी थी जानकारी

    केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस महीने की शुरुआत में कहा था, "शहरों को इस योजना के लिए एक चुनौती के माध्यम से चुना जाएगा। भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले कुल 20,000 करोड़ रुपये में से 15,930 करोड़ रुपये बसों के लिए, 2,264 करोड़ रुपये बुनियादी ढांचे के विकास और बैक-एंड सुविधाओं के लिए होंगे। इसके अलावा, 1,506 करोड़ रुपये हरित शहरी गतिशीलता के लिए होंगे।"

    केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने कहा कि इस योजना के तहत, शहर बस सेवाओं को चलाने और बस ऑपरेटरों को भुगतान करने के लिए जिम्मेदार होंगे।