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भ्रष्‍ट देशों की सूची में भारत की रैंकिंग में जबरदस्‍त सुधार

दुनिया के सबसे भ्रष्ट देशों की सूची में भारत ने इस साल अपनी रैंकिंग में सुधार करते हुए 85वां स्‍थान हासिल किया है। पिछले दो वर्षों में भारत सूची में लगातार 94वें स्‍थान पर रहा था।

By Sanjay BhardwajEdited By: Published: Wed, 03 Dec 2014 11:16 AM (IST)Updated: Wed, 03 Dec 2014 01:07 PM (IST)
भ्रष्‍ट देशों की सूची में भारत की रैंकिंग में जबरदस्‍त सुधार

नई दिल्ली। दुनिया के सबसे भ्रष्ट देशों की सूची में भारत ने इस साल अपनी रैंकिंग में सुधार करते हुए 85वां स्थान हासिल किया है। पिछले दो वर्षों में भारत सूची में लगातार 94वें स्थान पर रहा था।

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ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा इस वर्ष सबसे भ्रष्ट और सबसे स्वच्छ देशों की जारी सूची में भारत ने नौ अंकों का सुधार किया है। 178 देशों में भारत को 85वां स्थान हासिल हुआ है। श्रीलंका, थाईलैंड, पेरू, जमैका, फिलीपींस, त्रिनिदाद एंड टोबैगो और जाम्बिया संयुक्त रूप से इसी स्थान पर काबिज है।

डेनमार्क इस सूची में प्रथम स्थान पर है, जबकि सोमालिया और उत्तर कोरिया की रैंकिंग संयुक्त रूप से सबसे नीचे 174वां है। सूची में जो देश ऊपर की ओर होता है उसे स्वच्छ और जो जितना ही निचले पायदान पर होता है उसे उतना ही भ्रष्ट माना जाता है।

भारत की रैंकिंग में सुधार की सबसे बड़ी वजह सत्ता का दुरुपयोग, गुप्त सौदेबाजी और घूसखोरी में कमी को बताया गया है। इस सूची में भ्रष्ट देशों के मामले में चीन को 100वां, रूस को 136वां और ब्राजील को 69 वां स्थान हासिल हुआ है। यहां महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि चीन में भ्रष्टाचार बढ़ा है इसलिए उसने 20 अंकों की जबरदस्त गिरावट दर्ज की है। वह पिछले वर्ष 80वें स्थान पर था।

सूची के अनुसार शून्य से 100 के पैमाने पर भारत को 38 अंक हासिल हुए हैं। शून्य अंक पाने वाले देश को सबसे ज्यादा भ्रष्ट और 100 अंक पाने वाले देश को सबसे स्वच्छ माना जाता है।

सूची में किसी भी देश को 100 अंक हासिल नहीं हो पाया है। स्वच्छता के मामले में शीर्ष पर काबिज डेनमार्क ने 92 अंक हासिल किए हैं। सिर्फ 8 अंक हासिल कर सबसे निचले पायदान पर सोमालिया और उत्तर कोरिया ने संयुक्त रूप से जगह बनाई है।

हालांकि, अपने पड़ोसी देशों के मुकाबले भारत इस मामले में थोड़ी बेहतर स्थिति में है।पाकिस्तान को इस सूची में 126वां, नेपाल को 126वां और बांग्लादेश को 145वां स्थान हासिल हुआ है।

बुधवार को यह सूची जारी करते हुए ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने कहा, करप्शन परसेप्शन इंडेक्स 2014 से यह देखा जा सकता है कि सत्ता का दुरुपयोग, गुप्त सौदेबाजी और घूसखोरी दुनिया भर के समाज को बर्बाद कर रही हैं। इस सूची में शामिल 178 देशों में से दो-तिहाई देशों को 50 से भी कम अंक हासिल हुए हैं।

इस सूची में सोमालिया और उत्तर कोरिया से थोड़ा कम यानी सबसे भ्रष्ट देशों के करीब वाली सूची में सूडान, अफगानिस्तान, दक्षिण्ा सूडान, इराक, लीबिया, उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, इरीट्रिया, सीरिया, हैती, वेनेजुएला, जिम्बाब्वे और म्यांमार जैसे देश शामिल हैं।

सबसे स्वच्छ देशों के करीब पहुंचने वाले देशों की बात करें तो डेनमार्क, न्यूजीलैंड के बाद इस सूची में फिनलैंड, स्वीडन, नॉर्वे, सिंगापुर, स्विट्जरलैंड, नीदरलैंड और कनाडा शामिल हैं। ये सभी देश शीर्ष दस पायदान पर हैं।

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