भारत में भ्रष्टाचार से निपटने के पर्याप्त उपाय: प्रणब मुखर्जी
भ्रष्टाचार को गंभीर समस्या बताते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इससे निपटने की जरूरत पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि भारत में इससे निपटने के लिए पर्याप्त संस्थाएं हैं और उनके जरिए इस समस्या से मुक्त हुआ जा सकता है।
ओस्लो। भ्रष्टाचार को गंभीर समस्या बताते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इससे निपटने की जरूरत पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि भारत में इससे निपटने के लिए पर्याप्त संस्थाएं हैं और उनके जरिए इस समस्या से मुक्त हुआ जा सकता है।
फिनलैंड में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'भ्रष्टाचार निसंदेह चितांजनक है, लेकिन हमारे नेता और नीति निर्माता इसके प्रति जागरूक हैं।' राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में भ्रष्टाचार निरोधक कानून के अनुपालन के लिए कई संस्थाएं, कानून और एजेंसियां हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय दंड संहिता के अतिरिक्त सीवीसी और भ्रष्टाचार निरोधक कानून जैसे कई प्रावधान उपलब्ध हैं। मुझे इस बात की खुशी है कि लोग भ्रष्टाचार को लेकर जागरूक हो रहे हैं और इसका असर चुनाव में उम्मीदवारों की जीत पर भी दिख रहा है। उन्होंने इस संबंध में शक्तिशाली लोकपाल बिल का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि संसद में लोकपाल बिल पर आठ बार चर्चा हुई। उन्होंने इसे पारित कराने में अहम भूमिका निभाई थी।
वैज्ञानिकों से की वीडियो कांफ्रेंसिंग
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भारत के पहले आर्कटिक शोध केंद्र के वैज्ञानिकों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बात की। शोध केंद्र हिमाद्री उत्तरी ध्रुव से करीब 1200 किमी की दूरी पर स्थित है। दूरस्थ ध्रुवीय क्षेत्र में कार्यरत इन वैज्ञानिकों ने राष्ट्रपति से बात करके अपना उत्साह प्रदर्शित किया। एक वैज्ञानिक ने कहा, 'धन्यवाद श्रीमान। यहां बहुत ठंड है लेकिन यह काम करने के लिए रोमांचक जगह है।'
नार्वे के लोगों को जल्द वीजा ऑन अराइवल
नार्वे जल्द ही उन देशों की सूची में शामिल हो जाएगा जहां के नागरिकों को भारत में टूरिस्ट वीजा ऑन अराइवल की सुविधा प्राप्त है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा, 'मुझे यह बताने में खुशी हो रही है कि नार्वे जल्द ही यह सुविधा पाने वाले कुछ देशों की सूची में शामिल होगा।'
पढ़ें:भारत का मुसलमान आतंकवाद में लिप्त नहीं
पढ़ें: वियतनाम यात्रा में राष्ट्रपति देंगे अहम समझौतों को अंजाम