पुणे में NDA की पासिंग आउट परेड, नौसेना प्रमुख बोले; दुनिया में पारंपरिक युद्ध का खतरा अभी भी मौजूद
आज पुणे में ये परेड एनडीए के खेत्रपाल मैदान में हो रही है। मैदान का नाम द्वितीय लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल के नाम पर रखा गया। इन्हें परमवीर चक्र के मरणोपरांत दिया गया। ये 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान शकरगढ़ के युद्धक्षेत्र में बसंतर की लड़ाई में शहीद हुए थे।
पुणे, एएनआइ। नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) के 143वें कोर्स की पासिंग आउट परेड (Passing Out Parade, POP) पुणे के खडकवासला में बुधवार सुबह से शुरू हो गई। इस दौरान नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार मौजूद रहे। एनडीए की पासिंग आउट परेड अकादमी में तीन साल के लंबे और कठिन प्रशिक्षण की पराकाष्ठा का प्रतीक है। प्रत्येक साल कैडेटों के दो पाठ्यक्रम भारत की प्रमुख सैन्य अकादमी से निकलते हैं।
पारंपरिक युद्ध का खतरा अभी भी मौजूद
एनडीए की पासिंग आउट परेड में हिस्सा लेते हुए नौसेना प्रमुख ने कहा कि जैसे ही आप यहां से बाहर निकलते हैं। आप एक ऐसी दुनिया से रूबरू होंगे, जो अब युद्ध और शांति की सरल परिभाषाओं द्वारा परिभाषित नहीं है। एक ऐसी दुनिया जिसमें पारंपरिक युद्ध का खतरा अभी भी मौजूद है। विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं ने व्यापक महत्व को ग्रहण कर लिया है।
देश के इन तीन जगहों पर हैं सैन्य अकादमी
एनडीए से पास आउट होने के बाद कैडेट अपने संबंधित सशस्त्र बलों की अकादमियों में पूर्व-कमीशन प्रशिक्षण के एक और साल के लिए निकल जाते हैं। केरल के कन्नूर जिले में स्थित एझिमाला में भारतीय नौसेना अकादमी है। भारतीय सेना के लिए देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी और सेना के लिए तेलंगाना में स्थित डुंडीगल में वायु सेना अकादमी है।
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लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल के नाम पर रखा गया नाम मैदान का नाम
आज पुणे में ये परेड एनडीए के खेत्रपाल मैदान में हो रही है। मैदान का नाम द्वितीय लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल के नाम पर रखा गया है। इन्हें परमवीर चक्र के मरणोपरांत दिया गया। ये 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान शकरगढ़ के युद्धक्षेत्र में बसंतर की लड़ाई में शहीद हुए थे।
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सर्दियों में कैडेट गहरे नीले रंग की वर्दी हैं पहनते
परेड की शुरुआत परेड ग्राउंड पर आकस्मिक मार्करों द्वारा अपना स्थान लेने के साथ होती है। इसके बाद एनडीए के गीत हम एनडीए के कैडेट हैं की धुनों पर मार्च करते हुए क्वार्टरमास्टर के किले के द्वार से बाकी की टुकड़ियां निकलती हैं। इन कैडेटों के साथ एक चार्जर पर सवार अकादमी एडजुटेंट हैं। जब एनडीए का वसंत सत्र मई के अंत में समाप्त हो जाता है, तो कैडेट गर्मियों की वर्दी पहनते हैं। जब शरद ऋतु की अवधि नवंबर के अंत में समाप्त हो जाती है, तो कैडेट गहरे नीले रंग की सर्दियों की वर्दी पहनते हैं।