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    Parliament Attack 2001: जानें बीते 2 दशकों में कब-कब और कहां-कहां भारत में हुए बड़े आतंकी हमले

    By Jagran NewsEdited By: Piyush Kumar
    Updated: Tue, 13 Dec 2022 03:32 PM (IST)

    2001 Parliament Attack 21st Anniversary 13 दिसंबर वो दिन है जिसे कोई भूल नहीं सकता। आज ही दिन ठीक 21 साल पहले संसद भवन में आतंकी हमला हुआ था। संसद भवन पर हुए आतंकी हमले की 21वीं बरसी पर जानें भारत में कब-कब और कहां-कहां बड़े आतंकी हमले हुए।

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    भारत में कब-कब हुए बड़े आतंकी हमले

    नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। Terrorist Attacks In India: दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर हुए आतंकी हमले की आज 21वीं बरसी है। 13 दिसंबर वो दिन है जिसे कोई भूल नहीं सकता। आज ही दिन ठीक 21 साल पहले संसद भवन में आतंकी हमला हुआ था। संसद भवन पर उस समय आतंकी हमला हुआ था, जब शीतकालीन सत्र चल रहा था। 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुए आतंकी हमले में संसद भवन के गार्ड, दिल्ली पुलिस के जवान समेत कुल 9 लोग शहीद हुए थे और 15 घायल हो गए थे। इस आतंकी हमले के बाद पूरे देश में गुस्से की एक लहर थी जिसके बाद भारत और पाकिस्‍तान के बीच तनाव भी बढ़ गया था। संसद भवन पर हुए आतंकी हमले की 21वीं बरसी पर हम आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं कि बीते 2 दशकों में भारत में कब-कब और कहां-कहां बड़े आतंकी हमले हुए।

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    मुंबई सीरियल ब्लास्ट

    12 मार्च 1993 को पूरे मुंबई में सीरियल धमाके हुए। इन धमाकों के पीछे D कंपनी का हाथ था। इस हमले में 257 लोग मारे गए थे जबकि 713 लोग घायल हुए थे।

    कोयम्बटूर धमाका

    14 फरवरी 1998 में इस्लामिक ग्रुप अल उम्माह ने कोयंबटूर में 11 अलग-अलग जगहों पर 12 बम धमाके किए। इसमें 60 लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब 200 लोग घायल हुए थे।

    जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर हमला

    1 अक्टूबर 2001 को जैश-ए-मोहम्मद ने 3 आत्मघाती हमलावरों ने विधानसभा भवन पर कार बम हमला किया। इसमें 38 लोग मारे गए थे।

    संसद पर हमला

    13 दिसंबर 2001 में लश्‍कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्‍मद 5 आतंकवादियों ने भारत की संसद पर हमला किया था। सुरक्षाबलों ने आतंकियों को मार गिराया था। इस हमले में 6 पुलिसकर्मी और 3 संसद भवन कर्मी मारे गए थे। 15 घायल भी हुए थे।

    अक्षरधाम मंदिर पर हमला

    24 सितंबर 2002 में लश्‍कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्‍मद के 2 आतंकी मुर्तजा हाफिज यासिन और अशरफ अली मोहम्मद फारूख ने अक्षरधाम मंदिर में घुस कर गोलियां बसाईं। इस आतंकी हमले में 31 लोगों की मौत हुई थी जबकि 80 लोग घायल हो गए थे।

    धमकों से दहल गई दिल्‍ली

    दिवाली से कुछ दिन पहले 29 अक्‍टूबर 2005 को 3 सिलसिलेवार धमाकों ने दिल्‍ली को दहला दिया था। 2 धमाके भीड़भाड़ वाले बाजारों में हुए और एक धमाका बस में हुआ था। हमले में 67 लोग आतंक का शिकार बने और 200 से ज्‍यादा घायल हुए। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी इस्‍लामिक रिवॉल्यूशनरी फ्रंट ने ली थी। इसके तार लश्‍कर-ए-तैयबा से भी जुड़े थे।

    मुंबई ट्रेन धमाके

    11 जुलाई 2006 में मुंबई की लोकल ट्रेनों में अलग-अलग 7 बम विस्फोट हुए। बम लोकल ट्रेनों में लगाए गए थे जिनमें भारी भीड़ होती है। आतंकियों ने 200 से ज्‍यादा लोगों की जान ले ली और 700 लोग घायल हुए थे। इन धमाकों में इंडियन मुजाहिदीन का हाथ था। इसमें कुल 210 लोग मारे गए थे और 715 लोग जख्मी हुए थे। इसके बाद इसी साल महाराष्ट्र के मालेगांव में 8 सितंबर 2006 को हुए 3 धमाकों में 32 लोग मारे गए और 100 से अधिक घायल हुए थे।

    2008 में दहल गई 'पिंक सिटी'

    13 मई 2008 को इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों ने 'पिंक सिटी' जयपुर को निशाना बनाया। भीड़भाड़ वाली 6 जगहों पर साइकिलों में बम फिट किए गए थे। एक के बाद एक 15 मिनट के अंदर 9 बम धमाके हुए। धमाकों में 71 लोगों की मौत हुई और 200 से ज्‍यादा घायल हुए।

    धमाकों से दहला अहमदाबाद

    अहमदाबाद में 26 जुलाई 2008 के दिन 2 घंटे के भीतर 20 बम विस्फोट हुए थे। साइकिलों और गाड़‍ियों में बम छ‍िपाए गए थे। इन धमाकों में 56 लोगों की मौत हुई और 200 से ज्‍यादा लोग घायल हुए। इस हमले से एक दिन पहले ही बेंगलुरु में कम तीव्रता के धमाके किए गए थे।

    2008 में फिर दहल गई दिल्ली

    13 सितंबर 2008 को कनॉट प्‍लेस समेत दिल्‍ली के कई बाजारों में 30 मिनट के भीतर 5 बम धमके हुए। इस दौरान 4 और बम डिफ्यूज कर दिए गए। इसके 2 हफ्ते बाद महरौली के एक बाजार में फिर धमाका हुआ। पहले हमले की जिम्‍मदेारी इंडियन मुजाहिदीन ने ली मगर दूसरे के पीछे कौन था, पता नहीं चला। इन हमलों में 23 लोग मारे गए थे और 120 घायल हुए थे।

    26/11 मुंबई आतंकी हमला

    26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से आए 10 आत्मघाती हमलावरों मुंबई को दहला दिया। ये भारत पर हुआ सबसे बड़ा आतंकी हमला था जिसमें 160 लोग मारे गए आौर 300 से ज्‍यादा घायल हुए। समुद्र के रास्‍ते पाकिस्‍तान से आए आतंकियों ने लियोपोल्‍ड कैफे, ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट, नरीमन हाउस, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और कामा अस्‍पताल को निशाना बनाया। होटल और नरीमन हाउस में सैकड़ों को बंधक बनाया गया। अजमल कसाब को छोड़कर बाकी सभी आतंकियों को ढेर कर दिया गया। कसाब को 2012 में फांसी दी गई थी।

    पुणे और बेंगलुरु में हमले

    पुणे की जर्मन बेकरी में 10 फरवरी 2010 को हुए बम धमाके में 9 लोग मारे गए और 45 घायल हुए थे। इसी साल 17 अप्रैल 2010 में बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर में हुए 2 बम धमाकों में 15 लोगों की मौत हो गई थी।

    2011 में फिर दहली मुंबई

    13 जुलाई 2011 को मुंबई में फिर दहल गई। तीन अलग-अलग जगहों पर बम धमाके किए गए। ओपेरा हाउस, झावेरी बाजार और दादर वेस्‍ट में हुए धमाकों में 26 लोग मारे गए और 130 घायल हुए।

    धमकों से दहल गया हैदराबाद

    21 फरवरी 2013 को हैदराबाद के दिलकुशनगर में 100 मीटर की दूरी पर 2 भीषण धमाके हुए। धमाकों ने 18 लोगों की जान ली और कम से कम 119 लोग घायल हुए। इस हमले के बाद इंडियन मुजाहिदीन सह-संस्‍थापक यासीन भटकल समेत कुल 5 आतंकियों को दोषी करार दिया गया था।

    गुरुदासपुर में हुआ हमला

    27 जुलाई 2015 में पंजाब के गुरदासपुर में आर्मी ड्रेस पहने आतंकियों ने दीनानगर पुलिस स्टेशन पर हमला किया। इस आतंकी हमले में 4 जवान और 3 लोग मारे गए थे।

    पठानकोट हमला

    2 जनवरी 2016 में पठानकोट स्थित सेना के ठिकानों पर आतंकी हमले हुए थे, जिसमें सेना के 7 जवान और 6 आतंकवादी मारे गए थे। पठानकोट एयरबेस उत्तर भारत के सबसे बड़े एयरबेस में से एक है।

    2016 में हुआ उरी हमला

    18 सितंबर 2016 की सुबह जैश-ए-मोहम्‍मद के 4 आतंकवादियों ने सोते हुए भारतीय जवानों पर गोलियां बरसाईं। उरी स्थित सेना के ब्रिगेड हेडक्‍वार्टर्स पर आतंकियों ने 3 मिनट में करीब 17 ग्रेनेड फेंके। इस कायराना हमले में 19 जवान शहीद हुए। हमले में शामिल चारों आतंकियों को मार गिराया गया था। इस हमले के बाद भारत की नीति बदली हुई नजर आई। भारतीय सेना ने बॉर्डर पार करते हुए सर्जिकल स्‍ट्राइक की और आतंकियों को सबक सिखाया।

    अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमला

    11 जुलाई 2017 को अमरनाथ यात्रा पर जा रही बस पर आतंकियों ने घात लगाकर हमला किया। 7 श्रद्धालुओं की मौत हुई। बस में 56 यात्री सवार थे।

    2019 में हुआ पुलवामा

    14 फरवरी 2019 को जम्‍मू और कश्‍मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्‍मद के एक आत्‍मघाती हमलावर ने विस्‍फोटकों से भरी गाड़ी CPRF के काफिले से भिड़ा दी। हमले में 40 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। इस हमले के बाद पूरे देश में गुस्सा देखा गया और भारत और पाकिस्‍तान के बीच तनाव भी बढ़ा। सीमा पर स्‍टैंडऑफ की स्थिति बनी और फिर भारत ने एयर स्‍ट्राइक करते हुए जैश के आतंकी ट्रेनिंग कैंप उड़ा दिए।

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