बेशर्म पाक! अपनी घटिया हरकतों से न कभी बाज आया है और न ही कभी आएगा
पाकिस्तान ने एफएटीएफ के डर से ही सही लेकिन ये मान लिया है कि भारत का मोस्ट वांटेड अपराधी दाऊद इब्राहिम उसके यहां पर है। हालांकि जानकार मानते हैं कि इससे कुछ नहीं होने वाला है।
नई दिल्ली (ऑनलाइन डेस्क)। भारत का मोस्ट वांटेड अपराधी दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में ही है। कई वर्षों के बाद पाकिस्तान ने इसे कबूल तो किया, लेकिन कुछ ही घंटों के बाद पलटी भी मार ली। प्रतिबंधित संगठनों और लोगों की सूची में शामिल करने के बाद अब पाकिस्तान कह रहा है कि दाऊद उनके यहां पर नहींं है। पाकिस्तान की ये करतूत उसकी बेशमी को ही बयां करती है। यही वजह है कि वो अपनी करतूतों स बाज आता दिखाई भी नहीं दे रहा है। जानकार भी मानते हैं कि पाकिस्तान न बदला है और न ही बदलेगा। दरअसल, पाकिस्तान ने 18 अगस्त को एक आदेश जारी कर अपने यहां पर मौजद 88 प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों समेत हाफिज सईद, मसूद अजहर और दाऊद इब्राहिम पर कड़े वित्तीय प्रतिबंध लगाए थे। इसके अलावा इन सभी की संपत्तियों को जब्त करने और बैंक खातों को सील करने का आदेश भी दिया गया है।
आपको बता दें कि दाऊद इब्राहिम 12 मार्च 1993 में मुंबई में हुए सीरियल बम धमाकों का मुख्य आरोपी है।अलग-अलग जगहों पर हुए इन बम धमाकों में 257 लोग मारे गए थे, जबकि करीब 1400 लोग घायल हो गए थे। दाऊद इब्राहिम इन धमाकों के बाद से ही फरार चल रहा था। इन हमलों के एक अन्य दोषी याकूब मेनन को 30 जुलाई 2015 नागपुर जेल में फांसी की दे दी गई थी। भारत ने बार-बार दाऊद के पाकिस्तान के शहर कराची में होने के सुबूत दिए, लेकिन हर बार पाकिस्तान इन सबूतों को नकारता रहा है। भारत ने कई बार पाकिस्तान से दाऊद को सौंपने की भी मांग की है, लेकिन भारत को हर बार इसमें मायूसी ही हाथ लगी है।
अब जबकि पाकिस्तान ने अपने यहां प्रतिबंधित लोगों और संगठनों की सूची मे उसका नाम शामिल किया है तो इसका सीधा-सा अर्थ यही है कि उसने माना है कि डी कंपनी का प्रमुख दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में है। इससे भारत की पूर्व में दी गई दलीलों और सुबूतों को बल जरूर मिला है। हालांकि, जानकार मानते हैं कि ये ज्यादा खुश होने की बात नहीं है। दैनिक जागरण से बात करते हुए पूर्व राजदूत और राज्य सभा सांसद एचके दुआ ने कहा कि इससे कुछ होने वाला नहीं है। उनका ये भी कहना है कि पाकिस्तान ने ये कदम केवल एफएटीएफ की आगामी बैठक को देखते हुए ही उठाया है। उनके मुताबिक, पाकिस्तान पर बीते दो वर्षों से ब्लैक लिस्ट होने की तलवार लटकी है। यदि वो ब्लैक लिस्ट हो जाता है तो उस पर कई तरह के कड़े प्रतिबंध लगा दिए जाएंगे, जो उसकी बर्बाद होती अर्थव्यवस्था के लिए ताबूत की आखिरी कील साबित हो सकते हैं।
आपको बता दें कि दुआ नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर कमेटी के सदस्य भी रहे हैं। वो मानते हैं कि दाऊद का खुलासा कर केवल पाकिस्तान ने अपने सिर आने वाली मुसीबत को कुछ दिनों के लिए टाल दिया है। जहां तक दाऊद को भारत को सौंपने की बात है तो वो ऐसा कभी नहीं करने वाला है। उनके मुताबिक, दिखावे के लिए उसने अभी एक चाल चली है और वो आगे भी इसी तरह की झूठी कार्रवाई करता रहेगा। ये सब कुछ दुनिया की आंखों में धूल झोंकने के लिए होगा। हकीकत में पाकिस्तान में दाऊद समेत दूसरे आतंकी संगठन जैसे पहले काम कर रहे थे वो वैसे ही या नाम बदलकर काम करते रहेंगे।
दाऊद के मामले में भारत की अंतरराष्ट्रीय मंच पर दी गई दलीलों और पाकिस्तान की इस नई चाल पर अमेरिका का क्या रुख रहेगा? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि फिलहाल पाकिस्तान को अमेरिका का साथ भी चाहिए। पाकिस्तान द्वारा उठाए गए ताजा कदम इस बात का सुबूत हैं। लेकिन अमेरिका में इस वर्ष नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। लिहाजा वो इस संबंध में कोई कदम मुश्किल ही उठाएंगे। चुनाव तक राष्ट्रपति ट्रंप पूरी तरह से उस पर ध्यान देंगे, दाऊद, भारत या पाकिस्तान पर नहीं। हालांकि, वो ये जरूर मानते हैं कि भारत इस संबंध में कुछ न कुछ कार्रवाई जरूर करेगा, लेकिन उसके सफल होने की गारंटी नहीं दी जा सकती है।
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