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पुरुषों से ज्यादा महिलाओं के घुटने बीमार

दादा-दादी जमीन पर पालथी मारकर भोजन करते थे लेकिन नई पीढ़ी के लिए इस तरह दो मिनट बैठना भी मुश्किल है। उम्र के चालीस बसंत पार करते ही घुटने जवाब देने लगते हैं। इसकी वजह है कि बदलती जीवनशैली। इससे लोग दर्द (ऑस्टियोआर्थराइटिस) के शिकार बहुत ज्यादा हो रहे हैं। चालीस 40 की उम्र के पार एक चौथाई से ज्यादा मि

By Edited By: Published: Wed, 04 Dec 2013 04:17 AM (IST)Updated: Wed, 04 Dec 2013 09:30 AM (IST)
पुरुषों से ज्यादा महिलाओं के घुटने बीमार

आगरा, [अजय दुबे]। दादा-दादी जमीन पर पालथी मारकर भोजन करते थे लेकिन नई पीढ़ी के लिए इस तरह दो मिनट बैठना भी मुश्किल है। उम्र के चालीस बसंत पार करते ही घुटने जवाब देने लगते हैं। इसकी वजह है कि बदलती जीवनशैली। इससे लोग दर्द (ऑस्टियोआर्थराइटिस) के शिकार बहुत ज्यादा हो रहे हैं। चालीस 40 की उम्र के पार एक चौथाई से ज्यादा महिला-पुरुष इस बीमारी के शिकार हैं। शहर की स्थिति की तुलना में आश्चर्यजनक रूप से गांव की हालत ज्यादा खराब है।

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मंगलवार से होटल जेपी पैलेस में इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन (आइओए) का 58वां वार्षिक समारोह शुरू होने जा रहा है। इसमें सात दिसंबर को भारतीय आबादी में ऑस्टियोआर्थराइटिस की स्थित पर रिपोर्ट पेश की जाएगी। इसके लिए देशभर में आगरा, देहरादून, कोलकाता, पुणे और बेंगलूर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 40 से अधिक उम्र के पांच हजार लोगों पर सर्वे कराया है। सर्वे के प्रभारी डॉ. सीपी पाल के अनुसार करीब डेढ़ साल तक पुणे की एक निजी कंपनी ने इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के लिए इसकी रिपोर्ट तैयार की है। इसमें लोगों की हिस्ट्री भी ली गई है। इसमें 27.9 फीसद लोग ऑस्टियोआर्थराइटिस के शिकार मिले हैं।

पढ़ें: मोटापे का वार, घुटने ना करें बेकार

पुरुषों के बजाय महिलाओं में तेजी से बढ़ रही बीमारी

सर्वे में सामने आया है कि घुटनों के दर्द की बीमारी महिलाओं में अधिक है। 40 से अधिक उम्र की 28.8 फीसद महिलाएं घुटने के ऑर्थराइटिस की शिकार है। वहीं इसी ग्रुप के 26.3 फीसद पुरुष बीमारी के शिकार हो रहे हैं।

विदेशों से तुलना के बाद तैयार होगी गाइड लाइन

ऑस्टियोऑर्थराइटिस की रिपोर्ट पर कांफ्रेंस में शामिल होने आ रहे देश दुनिया के चिकित्सक विचार-विमर्श करेंगे। पश्चिमी देशों से इसकी तुलना की जाएगी। सर्वे रिपोर्ट के आधार किस ग्रुप और महिलाओं में बीमारी बढ़ रही है। इसकी रोकथाम के उपाय क्या हो सकते हैं। इसका निष्कर्ष निकाला जाएगा। इसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को भी दी जाएगी।

सर्वे ने दिखाई घुटनों के दर्द की भयावह तस्वीर

उम्र के हिसाब से घुटनों के दर्द से पीड़ित लोग

50 साल - 17.4 फीसद

50 से 59 साल - 26.7 फीसद

60 से 69 साल - 35.8 फीसद

70 साल से अधिक - 48.2 फीसद

शहर और गांवों के पीड़ित

मेट्रो सिटी - 27.2 फीसद

छोटे शहर - 27.6 फीसद

कस्बा - 29.3 फीसद

गांव - 28 फीसद

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देश में पहली बार इस तरह का सर्वे किया गया है। यह पहला चरण है। इसके आधार पर बीमारी की रोकथाम की गाइड लाइन तैयार की जाएंगी।

डॉ. के के प्रूथी, अध्यक्ष आयोजन समिति आइओए कॉन

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