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लोकसभा अध्यक्ष के खिलाफ विपक्ष लाएगा अविश्वास प्रस्ताव, राहुल गांधी मुद्दे पर राजनीतिक लड़ाई ने लिया नया रूप

कांग्रेस सूत्रों के अनुसार जिस तरह से राहुल गांधी के मामले में जल्दबाजी दिखाई है वह उनके पक्षपाती रवैए को दर्शाता है। गौरतलब है कि राहुल को अयोग्य ठहराए जाने के बाद पहली बार पूरा विपक्ष एकजुट हुआ है। कांग्रेस की कोशिश है कि इसे जारी रखा जाए।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputPublished: Tue, 28 Mar 2023 09:03 PM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2023 09:03 PM (IST)
लोकसभा अध्यक्ष के खिलाफ विपक्ष लाएगा अविश्वास प्रस्ताव, राहुल गांधी मुद्दे पर राजनीतिक लड़ाई ने लिया नया रूप
प्रस्ताव में लोकसभा अध्यक्ष परपक्षपाती रवैया रखने सहित राहुल की अयोग्यता जैसे मुद्दे रहेंगे शामिल -

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। संसद में राहुल गांधी से माफी मांगने और अदाणी मुद्दे पर जेपीसी गठित करने की मांग को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच शुरू राजनीतिक लड़ाई अब एक नया स्वरूप लेने लगी है।

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सोमवार को लाया जा सकता है प्रस्ताव

फिलहाल राहुल गांधी को जिस तरह से सूरत कोर्ट का फैसला आने के बाद चौबीस घंटे के अंदर लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य ठहराया गया और अब बंगला भी खाली करने का उन्हें नोटिस दिया गया है, उसके बाद कांग्रेस जवाबी कार्रवाई की तैयारी में है। जिसमें उन्होंने अपने निशाने पर सबसे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिया है। जिसके खिलाफ अब उसने अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला लिया है। माना जा रहा है कि पूरी औपचारिकता के बाद सोमवार को विपक्ष सदन में इस प्रस्ताव को पेश भी करेगा।

इन प्रमुख मुद्दों को लेकर प्रस्ताव लाने की है तैयारी

इस प्रस्ताव में कांग्रेस के अलावा कुछ दूसरे दलों के सदस्यों को भी हस्ताक्षर होंगे। अविश्वास प्रस्ताव के लिए कम से कम 50 सदस्यों के हस्ताक्षर जरूरी होते हैं। विरोध प्रदर्शन के जरिए जहां कांग्रेस सड़क पर राजनीति गर्म कर रही है वहीं लोकसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सदन के अंदर अद्यक्ष और सरकार को घेरने की कोशिश होगी।

बजट सत्र के दूसरे चरण में अब तक कोई बहस नहीं हो पाई है लेकिन अगर अविश्वास प्रस्ताव आता है तो सबकुछ रोककर उस पर चर्चा आवश्यक है। हालांकि लोकसभा में सत्तापक्ष और विपक्ष का जो आंकड़ा है उसमें इस प्रस्ताव का गिरना तय है लेकिन कांग्रेस की रणनीति सिर्फ मुद्दे को गरमाना है और लंदन में दिए गए राहुल गांधी के उस बयान को फिर से हवा देने की कोशिश भी है कि वहां विपक्ष को बोलने नहीं दिया जाता है।

कांग्रेस की कोशिश

कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, जिस तरह से राहुल गांधी के मामले में जल्दबाजी दिखाई है, वह उनके पक्षपाती रवैए को दर्शाता है। गौरतलब है कि राहुल को अयोग्य ठहराए जाने के बाद पहली बार पूरा विपक्ष एकजुट हुआ है। कांग्रेस की कोशिश है कि इसे जारी रखा जाए। लेकिन पहली परीक्षा इस अविश्वास प्रस्ताव पर ही हो जाएगी। यूं तो कांग्रेस के पास ही जरूरी 50 सदस्य हैं। लेकिन पार्टी विपक्षी दलों को कितना जोड़ पाती है वह रोचक होगा। सत्र छह अप्रैल तक चलना है। ऐसे में अगर अगर सोमवार को प्रस्ताव आता है तो उस पर तत्काल चर्चा कराई जा सकती है और वोटिंग के जरिए फैसला हो सकता है।


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