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जानिए, फारुक अब्दुल्ला ने क्यों कहा कश्मीर में होगा पहले से बड़ा आंदोलन

अमरनाथ यात्रा के दौरान हुए हमले में कश्मीर के लोगों द्वारा की गई मदद को नहीं भूलना चाहिए जो लोग रात खड़े रहे

By Mohit TanwarEdited By: Published: Mon, 07 Aug 2017 02:47 PM (IST)Updated: Mon, 07 Aug 2017 04:48 PM (IST)
जानिए, फारुक अब्दुल्ला ने क्यों कहा कश्मीर में होगा पहले से बड़ा आंदोलन

श्रीनगर, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने धारा 35ए पर सरकार को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर धारा 35ए के साथ किसी भी प्रकार की छेड़खानी हुई तो फिर यहां लोग अमरनाथ भूमि विवाद आंदोलन को भूल जाएंगे, उससे भी बड़ा जनांदोलन पूरी रियासत में होगा। केंद्र को नहीं मालूम कि धारा 35ए से खिलवाड़ का मतलब जम्मू-कश्मीर में आग लगाना है।

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सोमवार को विभिन्न राजनीतिक दलों (गैरसत्ताधारी दलों) के नेताओं व प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र सरकार बड़े ही सुनियोजित तरीके से धारा 35ए को भंग करने में लगी हुई है। राज्य में सत्तासीन पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार इसमें पूरा सहयोग कर रही है।

अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा और आरएसएस का एक ही एजेंडा है, धारा 370 व जम्मू-कश्मीर की स्वायत्तता को किसी तरह खत्म करना। इसी एजेंडे के तहत धारा 35ए को समाप्त किया जा रहा है। अगर संविधान की यह धारा भंग हुई तो रियासत के तीनों क्षेत्रों कश्मीर, लददाख व जम्मू पर नकारात्मक असर होगा।

उन्होंने कहा कि धारा 35ए के समाप्त होने या इसमें किसी तरह की संशोधन का मतलब न सिर्फ धारा 370 को कमजोर बनाना है, बल्कि रियासत का सांख्यिकी चरित्र बदलना भी है। यह रियासत के लोगों को अल्पसंख्यक बनाने की साजिश का हिस्सा है। फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती जो हमेशा रियासत की विशेष संवैधानिक स्थिति की रक्षा करने का दावा करती हैं, उन्हें केंद्र सरकार पर जोर देना चाहिए कि वह धारा 35ए को मजबूत बनाए और इसे कमजोर बनाने या भंग करने की हर साजिश को नाकाम बनाएं।

क्या है अनुच्छेद 35A

अनुच्छेद 35A के तहत संविधान में ये ताकत जम्मू-कश्मीर की विधान सभा को दी गई है कि वह अपने आधार पर ‘स्थायी नागरिक’ की परिभाषा तय करे साथ ही उन्हें चिन्हित कर विभिन्न विशेषाधिकार भी दिया जा सकता है। धारा 370 जम्मू-कश्मीर को कुछ विशेष अधिकार प्रदान करता है। 1954 के एक आदेश के बाद अनुच्छेद 35A को संविधान में जोड़ा गया था।

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