उमर अब्दुल्ला ने पत्नी की गुजारा भत्ता की याचिका को दी चुनौती
गुरुवार को सुनवाई के दौरान उमर अब्दुल्ला के वकील ने कहा कि पायल का अपना व्यवसाय है और राष्ट्रीय राजधानी में मकान भी है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पत्नी पायल अब्दुला व दोनों बेटों द्वारा पारिवारिक कोर्ट में गुजारा भत्ता की याचिका को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि पायल की मांग पूरी करने योग्य नहीं है। न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल ने पायल अब्दुल्ला को मामले में 24 नवंबर तक अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी।
गुरुवार को सुनवाई के दौरान उमर अब्दुल्ला के वकील ने कहा कि पायल का अपना व्यवसाय है और राष्ट्रीय राजधानी में मकान भी है। ऐसे में पायल को पहले यह साबित करना होगा कि वह अपना खर्च नहीं उठा सकती हैं और वह गुजारा भत्ता की हकदार हैं। वकील ने यह भी तर्क दिया कि उनके दोनों बेटे वयस्क हैं और वह भी गुजारा भत्ता की मांग नहीं कर सकते।
वहीं दूसरी तरफ उमर अब्दुल्ला ने पारिवारिक कोर्ट के नौ सितंबर, 2016 के उस फैसले को चुनौती दी, जिसमें उन्हें गुजारा भत्ता के संबंध में समन जारी किया गया था। पारिवारिक कोर्ट में नौ दिसंबर को सुनवाई होनी है, ऐसे में हाई कोर्ट ने सुनवाई के लिए 29 नवंबर की तारीख तय की है।
ज्ञात हो कि इससे पहले निचली अदालत ने 30 अगस्त को उमर अब्दुल्ला की तरफ से दायर तलाक की याचिका को रद कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि शादी के अपर्याप्त विघटन को साबित करने में उमर अब्दुल्ला नाकाम रहे हैं। कोर्ट के फैसले को उमर ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी जिस पर फैसला लंबित है।
यह भी पढ़ें: राहुल ने मीडिया पर भी दागे सवाल, कहा- हमसे सब पूछते हैं पीएम से कोई नहीं