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अब आइआइटी फाउंडेशन देगा इंजीनियरिंग कॉलेजों को मान्यता, जानें- नई कंपनी कैसे करेगी काम

नवगठित कंपनी मान्यता देने की प्रक्रिया को तेज करने का प्रयास करेगी। यह कंपनी आत्म निर्भर संस्था के रूप में काम करेगी।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sun, 20 Oct 2019 10:19 PM (IST)Updated: Sun, 20 Oct 2019 10:21 PM (IST)
अब आइआइटी फाउंडेशन देगा इंजीनियरिंग कॉलेजों को मान्यता, जानें- नई कंपनी कैसे करेगी काम
अब आइआइटी फाउंडेशन देगा इंजीनियरिंग कॉलेजों को मान्यता, जानें- नई कंपनी कैसे करेगी काम

नई दिल्ली, प्रेट्र। देश में इंजीनियरिंग कॉलेजों को अब राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (NBA) मान्यता नहीं देगा। यह काम अब आइआइटी प्रत्यायन एवं मूल्यांकन फाउंडेशन (आइआइटी फाउंडेशन फॉर एक्रेडिशन एंड असेसमेंट-आइएफएए) नामक नई कंपनी करेगी। हाल ही में इस कंपनी का गठन किया गया था। आइआइटी मद्रास, आइआईटी दिल्ली और आइआइटी खड़गपुर इसके संस्थापक साझेदार हैं। अब इस संस्था के लिए सीईओ की तलाश है।

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मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कंपनी अधिनियम 2013 के तहत धारा-8 की कंपनी के गठन का प्रस्ताव किया था। इसका मकसद आइआइटी और आइआइएम को मिलाकर एक कंपनी का गठन करना था, जो मान्यता देने का काम करे। इसके बाद ही आइएफएए अस्तित्व में आई।

आत्म निर्भर संस्था के रूप में करेगी काम

एक वरिष्ठ अधिकारी, जो आइआइटी कौंसिल का सदस्य भी हैं, ने कहा कि नवगठित कंपनी मान्यता देने की प्रक्रिया को तेज करने का प्रयास करेगी। यह कंपनी आत्म निर्भर संस्था के रूप में काम करेगी। अधिकारी ने बताया कि इस कंपनी का सीईओ आइआइटी का कोई मौजूदा या पूर्व फैकल्टी होगा। वह कंपनी के संचालन, शैक्षणिक, प्रशासनिक और वित्तीय मामलों के लिए भी जिम्मेदार होगा।

एनबीए और राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) के समानांतर प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रत्यायन केंद्र स्थापित करने का विचार पूर्व एचआरडी मंत्री प्रकाश जावडेकर ने रखा था।

कंपनी गठन करने का लिया गया था फैसला

शुरुआत, में कई आइआइटी के निदेशकों ने इस विचार को पसंद नहीं किया। उनका कहना था कि इससे प्रौद्योगिकी शिक्षा और शोध के आइआइटी के मुख्य लक्ष्य पर प्रभाव पड़ेगा। हालांकि, वे इस काम में सीमित मदद करने के लिए तैयार हो गए थे ताकि उनके मुख्य काम पर कोई असर नहीं पड़े। बाद में एक ऐसी कंपनी का गठन करने का फैसला किया गया था, जो आत्म निर्भर होकर काम करे।

यह कंपनी प्रत्यायन गतिविधियों में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) या अखिल भारतीय प्रौद्योगिकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) की भी मदद करेगी। अधिकारी ने बताया कि इस कंपनी के कार्यो में मंत्रालय या आइआइटी का किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं होगा।

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