Aarey colony में मेट्रो परियोजनाओं के निर्माण पर नहीं लगेगी रोक: सुप्रीम कोर्ट
महाराष्ट्र के आरे कॉलोनी में मेट्रो परियोजनाओं के लिए वृक्षों की कटाई की गई जिसे रोकने के लिए लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार भी लगाई थी।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को कहा कि यह मुंबई की आरे कालोनी (Aarey colony) में मेट्रो परियोजनाओं के निर्माण पर रोक नहीं लगा रहा है। जस्टिस अरुण मिश्रा और दीपक गुप्ता की बेंच ने बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) की कालोनी में वृक्षारोपण की तस्वीरों के साथ स्टेटस रिपोर्ट की मांग की है।
नवंबर में होगी अगली सुनवाई
BMC के सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने बेंच को आश्वासन दिया कि आरे कालोनी में अब कोई पेड़ नहीं काटे जाएंगे। साथ ही कोर्ट के अंतिम आदेश तक यहां की यथास्थिति बरकरार रहेगी। अब मामले की सुनवाई नवंबर में की जाएगी।
वृक्षों की कटाई पर कोर्ट ने नहीं लगाई थी रोक
इससे पहले इस मामले में बांबे हाई कोर्ट ने मुंबई महानगरपालिका के वृक्ष प्राधिकरण का मेट्रो परियोजना के लिए वृक्षों की कटाई को उचित और तर्कसंगत बताया था। कोर्ट में इसके लिए पर्यावरण कार्यकर्ता जोरू बाथेना ने याचिका दायर की थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके बाद पेड़ों की कटाई शुरु हो गई थी। इसके विरोध में लोगों ने प्रदर्शन भी किया। इस बीच शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने भी ट्वीट किया और कहा- आरे कॉलोनी में पेड़ काटने वालों को गुलाम कश्मीर भेज देना चाहिए, जिससे वह पेड़ छोड़ आतंकियों के कैंप को नष्ट करें।
अगस्त में दी थी पेड़ों की कटाई की अनुमति
वर्ष 2015 में महाराष्ट्र सरकार ने पारिस्थितिकी को देखते हुए आरे कॉलोनी में मेट्रो कार डिपो की स्थापना के लिए छह सदस्यों की एक टीम को नियुक्त किया था। इसके बाद पर्यावरण विशेषज्ञों ने मुंबई की पारिस्थितिकी का जिक्र करते हुए आरे कॉलोनी के पेड़ों को बचाने की वकालत वाला एक नोट लिखा। इसके एक माह बाद पर्यावरणविदों ने मेट्रो कार शेड के निर्माण के लिए आरे कॉलोनी के बदले कानजुरमार्ग का विकल्प भी दिया। लेकिन इस साल के अगस्त माह में मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड बृहन्मुंबई नगर निगम के पेड़ प्राधिकरण की ओर से परियोजना के लिए 2,185 पेड़ों को काटने और 460 पेड़ों को लगाने की अनुमति दी गई।
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