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गोरखपुर मेट्रो के लिए बदला फोरलेन का प्रारूप, अब ऐसे बनेगी सड़क Gorakhpur News

गाेरखपुर मेट्रो रेल परियोजना के चलते गोरखपुर शहर में कुछ स्‍थानों पर अब फोरलेन सीसी की जगह तोरकोल से बनेगा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 21 Oct 2019 11:04 AM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2019 03:37 PM (IST)
गोरखपुर मेट्रो के लिए बदला फोरलेन का प्रारूप, अब ऐसे बनेगी सड़क Gorakhpur News
गोरखपुर मेट्रो के लिए बदला फोरलेन का प्रारूप, अब ऐसे बनेगी सड़क Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर से मेडिकल कॉलेज के बीच बसे लोगों को सड़क निर्माण से उपजी दुश्वारी अभी छह महीने और झेलनी होगी। निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य बढ़ाकर मार्च 2020 तक कर दिया गया है। मार्च 2017 से शुरू हुई सड़क को पहले पीडब्लूडी ने मार्च 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया था। उधर सड़क का प्रारूप फिर से बदल दिया गया है। नए परिदृश्य में मेडिकल कॉलेज से लेकर असुरन चौक तक उस सड़क का निर्माण सीसी रोड की जगह तारकोल से कराया जाएगा, जो अभी अधूरी है। सड़क के प्रारूप में बदलाव का फैसला मेट्रो रेल परियोजना के चलते किया गया है।

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अब तारकोल की सड़क बनेगी

पिछले दिनों जब शहर में मेट्रो रेल रूट का प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन और कार्यदायी संस्था राइट्स के जिम्मेदारों ने निरीक्षण किया, तो जिन स्थानों से होकर मेट्रो को गुजरना है, वहां हो रहे सड़क निर्माण को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। असुरन-मेडिकल रोड चर्चा के केंद्र में रहा। बातचीत के दौरान निष्कर्ष निकला कि सीसी रोड की जगह तारकोल की रोड बनाई जाए, जिससे मेट्रो रूट निर्माण के दौरान ज्यादा नुकसान न हो। इसी क्रम में पीडब्लूडी ने अपने रोड के प्रारूप को बदल दिया है।

सीएम ने दिए थे सीसी रोड बनाने के निर्देश

पूर्व निर्धारित प्रस्ताव के मुताबिक एचएन सिंह चौराहे से असुरन चौक तक तारकोल रोड ही बननी थी, लेकिन अपने निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उसे भी सीसी रोड बनाने के निर्देश दिए थे। उधर मार्ग निर्माण अवधि के बढऩे के पीछे की वजह रिवाइज इस्टीमेट है, जिसे पीडब्लूडी ने दो महीने पहले भेजा था। विभाग के मुताबिक इस्टीमेट स्वीकृत होने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है।

धूल और जल-जमाव से परेशान हैं बाशिंदे

सड़क निर्माण में देरी की वजह से मेडिकल कॉलेज रोड पर बसे लोगों को खासी जलालत झेलनी पड़ रही है। फोर लेन निर्माण को लेकर खोदी गई सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है। छोटी दुघर्टना तो आम बात हो चुकी है। सूखे मौसम में उडऩे वाली धूल और बारिश होने पर जल-जमाव की दुश्वारी से लोग आजिज आ चुके हैं। 

मेट्रो रूट के निर्माण से होने वाले नुकसान से बचने के लिए फिलहाल मेडिकल कॉलेज से असुरन तक बची हुई निर्माणाधीन सड़क को तारकोल से बनाने का निर्णय लिया गया है। कार्य शुरू हो गया है, बहुत जल्द दिखने भी लगेगा। मार्च 2020 तक सड़क निर्माण हर हाल में पूरा कर लिया जाएगा। - एसपी सिंह, मुख्य अभियंता, पीडब्लूडी

टू लेन बनेगा रुस्तमपुर फ्लाइओवर

ट्रांसपोर्ट नगर चौराहे से रुस्तमपुर होते हुए देवरिया बाइपास के आगे तक बनने वाला फ्लाइओवर टू लेन बनेगा। सेतु निगम ने फोरलेन की डिजाइन बनाकर इसका कुल 305 करोड़ रुपये का आगणन तैयार किया है। इसके लिए नगर विधायक डॉ.राधामोहन दास अग्रवाल सेतु निगम के अधिकारियों पर नाराज हुए। उन्होंने अधिकारियों को अपने आवास पर बुलाकर फोरलेन की जगह टू लेन फ्लाइओवर बनाने का निर्देश दिया। टू लेन की लागत सिर्फ 154 करोड़ रुपये आएगी। नगर विधायक के अनुसार उन्होंने इस बात की शिकायत उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से की और बताया कि वहां फोरलेन नहीं, टू-लेन फ्लाइओवर की जरूरत है, क्योंकि कालेसर फोरलेन बनने के बाद से अब देवरिया, कुशीनगर, नौतनवा एवं महराजगंज के वाहन शहर में नहीं आ रहे हैं। सेतु निगम के परियोजना प्रबंधक पीके पांडेय ने बताया कि अब टू लेन फ्लाइओवर का आगणन तैयार किया जाएगा।


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