उत्तराखंड की अगली बड़ी चुनौती: अब जीवन सुचारु बनाने पर जोर
आपदा का दंश झेल रहे उत्तराखंड की अगली बड़ी चुनौती सामने खड़ी है। सर्दी की आहट ने यहां के लोगों ही नहीं बल्कि प्रदेश के पुनर्निर्माण में जुटे सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों की समस्याएं बढ़ा दी है। बेघर हो चुके परिवारों के लिए स्थायी आवास के साथ-साथ सर्दियों में इन लोगों के जीवन-यापन के इं
गुप्तकाशी/रुद्रप्रयाग [नितिन प्रधान]। आपदा का दंश झेल रहे उत्तराखंड की अगली बड़ी चुनौती सामने खड़ी है। सर्दी की आहट ने यहां के लोगों ही नहीं बल्कि प्रदेश के पुनर्निर्माण में जुटे सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों की समस्याएं बढ़ा दी है। बेघर हो चुके परिवारों के लिए स्थायी आवास के साथ-साथ सर्दियों में इन लोगों के जीवन-यापन के इंतजाम का बड़ा काम भी अभी बाकी है। आपदा के पांच दिन बाद ही उत्तराखंड पहुंची रिलायंस फाउंडेशन टीम प्रदेश की जनता को इन्हीं चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार कर रही है। गुरुवार को इन्हीं तैयारियों का जायजा लेने रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन नीता अंबानी अपनी बेटी ईशा अंबानी के साथ आपदा से बुरी तरह प्रभावित रुद्रप्रयाग जिले के गुप्तकाशी पहुंची।
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'दैनिक जागरण' से बातचीत में नीता अंबानी ने कहा कि उनकी टीम का बड़ा लक्ष्य सर्दियां शुरू होने से पूर्व यहां के लोगों के लिए आवास, वैकल्पिक रोजगार और बच्चों के लिए शिक्षा की पर्याप्त सुविधाएं मुहैया कराना है। शुरुआती दिनों में फाउंडेशन की 70 राहतकर्मियों और 90 डॉक्टरों की टीम ने फौरी राहत उपलब्ध कराने के बाद उत्तराखंड के आपदाग्रस्त इलाकों में अब लोगों के स्थायी पुनर्वास की तरफ कदम बढ़ाया है। इस दिशा में सबसे पहले बच्चों की नियमित पढ़ाई और लोगों के घरों के निर्माण पर जोर है। नीता अंबानी ने गुप्तकाशी पहुंच कर रुद्रप्रयाग जिले में ल्वारा और तैंथी स्थित राजकीय इंटर कॉलेज और अगस्तमुनि में तक्षशिला पब्लिक स्कूल के पुनर्निर्माण का एलान किया।
आपदा पीड़ितों की आगे की राह आसान बनाने के लिए फाउंडेशन ने उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग के 40 सर्वाधिक प्रभावित गांवों में 20 प्रशिक्षित लोगों की टीम तैनात की है। लोगों के आवास की दिक्कत को दूर करने की दिशा में ल्वारा में फाउंडेशन के सहयोग से बना पहला मकान नीता अंबानी ने स्थानीय निवासी पार्वती देवी को सौंपा। आवास के साथ साथ लोगों को सर्दियों से पहले वैकल्पिक रोजगार सुनिश्चित कराने की दिशा में भी फाउंडेशन ने काम तेज कर दिया है।
आजीविका मिशन के तहत फाउंडेशन का लक्ष्य करीब 25,000 लोगों [5000 घरों] को जोड़ने का है। इन लोगों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम से लेकर खेतीबाड़ी में मदद और उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने में मदद करने जैसे कार्यक्रम शामिल हैं। फाउंडेशन अब तक दूरदराज के क्षेत्रों में पहुंचकर करीब 3690 परिवारों तक सीधे मदद पहुंचा चुका है। यही नहीं 450 से अधिक परिवारों के लिए तत्काल आश्रय की व्यवस्था भी की जा चुकी है। फाउंडेशन अब तक करीब 10 करोड़ रुपये की राशि राहत कायरें में खर्च कर चुका है और राहत कार्य में किसी तरह की राशि की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी।
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