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गुजरात में बड़ा खतरा बन सकता है 'नीलोफर'

पश्चिम मध्य अरब सागर में बना गंभीर चक्रवातीय तूफान नीलोफर प्रचंड रूप धारण कर चुका है। 31 अक्टूबर को इसके गुजरात तट से टकराने का अनुमान है। हालांकि तब तक इसकी ताकत के क्षीण होने के कयास लगाए जा रहे हैं लेकिन उससे पहले तेज तूफान और भारी बारिश से बचने की बड़ी चुनौती है। चेतावनी तूफान के असर से 30 अक्टूबर क

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Tue, 28 Oct 2014 10:02 AM (IST)Updated: Tue, 28 Oct 2014 10:04 AM (IST)
गुजरात में बड़ा खतरा बन सकता है 'नीलोफर'

पश्चिम मध्य अरब सागर में बना गंभीर चक्रवातीय तूफान नीलोफर प्रचंड रूप धारण कर चुका है। 31 अक्टूबर को इसके गुजरात तट से टकराने का अनुमान है। हालांकि तब तक इसकी ताकत के क्षीण होने के कयास लगाए जा रहे हैं लेकिन उससे पहले तेज तूफान और भारी बारिश से बचने की बड़ी चुनौती है।

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चेतावनी

तूफान के असर से 30 अक्टूबर की सुबह से ही तटीय जिलों सौराष्ट्र और कच्छ में भारी से लेकर अति भारी बारिश के होने का अनुमान है। 30 अक्टूबर की रात खराब हालात चरम पर होंगे। गुजरात तट को छूने के समय तूफान का वेग 125 किमी प्रति घंटा हो सकता है। इस दौरान समुद्र में तेज हलचल रहेगी।

नुकसान का अंदेशा

झोपड़ियों और फूस के छत वाले घरों को व्यापक हानि हो सकती है। बिजली और संचार सेवाओं पर भी असर रहेगा। मछुआरों को समुद्र में न जाने के निर्देश।

क्या है चक्रवात?

कम वायुमंडलीय दाब के चारों ओर गर्म हवाओं की तेज आंधी को चक्रवात कहते हैं। दक्षिणी गोला‌र्द्ध में इन गर्म हवाओं को चक्रवात के नाम से जानते हैं और ये घड़ी की सुई के चलने की दिशा में चलती हैं। जबकि उत्तरी गोला‌र्द्ध में इन गर्म हवाओं को हरीकेन या टाइफून कहा जाता है। ये घड़ी की सुई के विपरीत दिशा में घूमती हैं।

उत्तरी हिंद महासागर के चक्रवात

क्षेत्र के आठ देश [बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका, और थाइलैंड] एक साथ मिलकर आने वाले चक्रवातों के 64 [हर देश आठ नाम] नाम 2008 से तय करते हैं। जैसे ही चक्रवात इन आठों देशों के किसी हिस्से में पहुंचता है, सूची से अगला दूसरा सुलभ नाम इस चक्रवात का रख दिया जाता है। नीलोफर नाम पाकिस्तान ने दिया है जबकि हाल ही में आए हुदहुद का नामकरण ओमान ने किया था।

वर्तमान स्थिति

सोमवार दोपहर तक यह तूफान नालिया [गुजरात] के दक्षिण पश्चिम में 1170 किमी, कराची [पाकिस्तान] के दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में 1230 किमी और सलालाह (ओमान) के पूर्व-दक्षिण पूर्व में 880 किमी के त्रिकोण पर मौजूद था। अगले चौबीस घंटे के दौरान शुरुआत में इसका उत्तर-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ने का अनुमान है जबकि बाद में घुमाव लेता हुआ यह उत्तर पूर्व की तरफ बढ़ सकता है।

क्यों आता है चक्रवात?

गर्म क्षेत्रों के समुद्र में सूर्य की भयंकर गर्मी से हवा गर्म होकर अत्यंत कम वायुदाब का क्षेत्र बना देती है। हवा गर्म होकर तेजी से ऊपर आती है और ऊपर की नमी से संतृप्त होकर संघनन से बादलों का निर्माण करती हैं। रिक्त स्थान को भरने के लिए नम हवाएं तेजी के साथ नीचे जाकर ऊपर आती हैं। फलस्वरूप ये हवाएं बहुत ही तेजी के साथ उस क्षेत्र के चारों तरफ घूमकर घने बादलों और बिजली कड़कने के साथ-साथ मूसलाधार बारिश करती हैं।

कमजोर होने का अनुमान

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तारीख -- समय -- हवा की रफ्तार [किमी प्रति घंटा] -- चक्रवात की श्रेणी

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27 अक्टूबर -- 11.30 -- 135 -- अति प्रचंड चक्रवातीय तूफान

27 अक्टूबर -- 17.30 -- 145 -- अति प्रचंड चक्रवातीय तूफान

27 अक्टूबर -- 23.30 -- 150 अति प्रचंड चक्रवातीय तूफान

28 अक्टूबर -- 05.30 -- 155 -- अति प्रचंड चक्रवातीय तूफान

28 अक्टूबर -- 11.30 -- 155 अति प्रचंड चक्रवातीय तूफान

28 अक्टूबर -- 11.30 -- 155 अति प्रचंड चक्रवातीय तूफान

29 अक्टूबर -- 11.30 -- 155 अति प्रचंड चक्रवातीय तूफान

29 अक्टूबर -- 23.30 -- 150 अति प्रचंड चक्रवातीय तूफान

30 अक्टूबर -- 11.30 -- 130 प्रचंड चक्रवातीय तूफान

30 अक्टूबर -- 23.30 -- 120 प्रचंड चक्रवातीय तूफान

31 अक्टूबर -- 11.30 -- 110 प्रचंड चक्रवातीय तूफान

31 अक्टूबर -- 23.30 -- 80 -- चक्रवातीय तूफान

1 नवंबर -- 11.30 -- 60 -- दबाब क्षेत्र

पढ़े: गुजरात में नीलोफर का खतरा

हुदहुद के असर से जनजीवन अस्त-व्यस्त


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