नई आफत: बंगाल की खाड़ी से हटाए जा रहे मछुआरे व नाविक, तूफान 'यास' का मंडरा रहा खतरा, सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय
देश टाक्टे चक्रवात की तबाही से अभी उबर भी नहीं पाया और अब पूर्वी तट पर नए तूफान यास का खतरा मंडराने लगा है। भारतीय तटरक्षक बल ने बंगाल की खाड़ी में मौजूद मछुआरों और नाविकों को तटों पर लौटने की चेतावनी देना शुरू कर दिया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। देश टाक्टे चक्रवात की तबाही से अभी उबर भी नहीं पाया और अब पूर्वी तट पर नए तूफान 'यास' का खतरा मंडराने लगा है। भारतीय मौसम विभाग ने इस संभावित तूफान के बारे में बुधवार को ही जानकारी दे दी है।
बंगाल की खाड़ी में मौजूद मछुआरों और नाविकों को तटों पर लौटने का फरमान जारी
इसी के मद्देनजर भारतीय तटरक्षक बल (आइसीजी) के जहाजों, विमानों और दूरदराज के स्टेशनों ने बंगाल की खाड़ी में मौजूद मछुआरों और नाविकों को तटों पर लौटने या निकटतम बंदरगाहों पर शरण लेने की चेतावनी देना शुरू कर दिया है। यह चक्रवात अगले 72 घंटों के भीतर आकार ले सकता है।
26 मई की शाम तक ओडिशा व बंगाल के तटों तक पहुंचकर तबाही मचा सकता
कोस्टगार्ड के बयान में कहा गया कि भारतीय मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, 22 मई (शनिवार) के आसपास उत्तरी अंडमान सागर और इससे सटे पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने से चक्रवात आकार ले सकता है। ऐसा होने पर यह 26 मई की शाम तक ओडिशा व बंगाल के तटों तक पहुंचकर तबाही मचा सकता है।
तूफान से निपटने के लिए कोस्टगार्ड ने कसी कमर
इस संभावित तूफान से निपटने के लिए कोस्टगार्ड ने अभी से उपाय शुरू कर दिए हैं। कोस्टगार्ड अपने जहाजों, विमानों और आरओसी (रिमोट ऑपरेटिंग सेंटर)/आरओएस (रिमोट ऑपरेटिंग स्टेशन) से मछुआरों और नाविकों से तट पर लौटने या निकटतम बंदरगाह में शरण लेने का आग्रह कर रहा है।
चेतावनियां अंग्रेजी के साथ-साथ स्थानीय भाषाओं में भी प्रसारित की जा रहीं
ये चेतावनियां अंग्रेजी के साथ-साथ स्थानीय भाषाओं में भी प्रसारित की जा रहा है ताकि व्यापारिक जहाजों, मछली पकड़ने वाली नौकाओं, वैज्ञानिक अनुसंधान जहाजों, तेल रिग, आवास बार्ज, अपतटीय विकास क्षेत्रों के लिए समर्थन जहाजों को समय रहते सतर्क किया जा सके। कोस्टगार्ड ने बताया कि इस संभावित तूफान के बारे में बंदरगाह अधिकारियों, आयल रिग आपरेटरों, शिपिंग, मत्स्य अधिकारियों और मछुआरा संघों को भी सूचित कर दिया गया है।