NEET 2018: आयु सीमा में छूट की छात्रों की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज
याचिका में सीबीएसई के फैसले को चुनौती देते हुए कहा था कि नीट की परीक्षा में सामान्य वर्ग के छात्रों की उपस्थिति के लिए आयु सीमा 25 तय कर दी जानी चाहिए।
नई दिल्ली (एएनआई)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को छात्रों के एक समूह द्वारा दाखिल किए गए एक याचिका पर सुनवाई खारिज कर दी। जानकारी के मुताबिक, छात्रों के एक समूह ने राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट) 2018 में उपस्थित होने के लिए याचिका दायर की थी।
मेडिकल छात्रों के एक समूह ने अपने याचिका में सीबीएसई के फैसले को चुनौती देते हुए कहा था कि नीट की परीक्षा में सामान्य वर्ग के छात्रों की उपस्थिति के लिए आयु सीमा 25 तय कर दी जानी चाहिए, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। सीबीएसई जो नीट की परीक्षा संचालित करती है ने 9 फरवरी को नीट की प्रवेश सूचना जारी की थी। 2018 की नीट की परीक्षा की योग्यता को नीट 2017 की योग्यता से अलग रखा गया था।
इसमें न्यूनतम आयु सीमा 17 साल रखी गई थी जिसमें कहा गया था कि 31 दिसंबर 2017 तक छात्र की आयु 17 वर्ष पूरे होने चाहिए। इसका मतलब ये हुआ कि छात्र का जन्म 1 जनवरी 2002 को हुआ होना चाहिए। सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए अधिकतम आयु सीमा 25 रखी गई थी।
वहीं एससी, एसटी और ओबीसी और डिसएबिलिटी एक्ट के अंदर आने वाले छात्रों के लिए 5 साल की छूट दी गई थी। इसका मतलब है कि वैसे छात्र जो 6 मई 2018 तक 25 वर्ष की आयु पूरे कर लिये हों या उससे कम हों वे नीट 2018 के लिए अप्लाय कर सकते हैं।