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Natural Farming Conclave: पीएम मोदी बोले- 'सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामया' की भावना को साकार करती है प्राकृतिक खेती

पीएम मोदी ने रविवार को नेचुरल फार्मिंग कान्क्लेव को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि अमृत काल में सबका प्रयास की भावना देश के विकास की गति का आधार है जो हमारे विकास की यात्रा का मार्गदर्शन कर रही है।

By Achyut KumarEdited By: Published: Sun, 10 Jul 2022 12:01 PM (IST)Updated: Sun, 10 Jul 2022 12:01 PM (IST)
पीएम मोदी ने नेचुरल फार्मिंग कान्क्लेव को संबोधित किया (फोटो-एएनआइ)

नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रविवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए प्राकृतिक खेती सम्मेलन (Natural Farming Conclave) को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल के अवसर पर देश ने ऐसे अनेक लक्ष्यों पर काम करना शुरू कर दिया है, जो आने वाले समय में बड़े बदलावों का आधार बनेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि अमृतकाल देश के विकास की गति का आधार 'सबका प्रयास' की वो है भावना है, जो हमारे विकास की यात्रा का मार्गदर्शन कर रही है।

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— ANI (@ANI) July 10, 2022

40 हजार से ज्यादा किसान प्राकृतिक खेती से जुड़े

पीएम मोदी ने कहा कि सूरत में हर ग्राम पंचायत में 75 किसानों का चयन करने के लिए ग्राम समिति, तालुका समिति और जिला समिति बनाई गई। इस दौरान ट्रेनिंग, प्रोग्राम और वर्कशाप का आयोजन किया गया है। इतने कम समय में 550 से भी ज्यादा पंचायतों से 40 हजार से ज्यादा किसान प्राकृतिक खेती से जुड़े हैं।

  • प्राकृतिक खेती व्यक्तिगत खुशहाली का रास्ता तो खोलती ही है, साथ ही ये 'सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया' की इस भावना को भी साकार करती है।
  • हमारा जीवन, हमारा स्वास्थ्य, हमारा समाज सबके आधार में हमारी कृषि व्यवस्था ही है।
  • भारत तो स्वभाव और संस्कृति से कृषि आधारित देश ही रहा है।
  • इसलिए, जैसे-जैसे हमारा किसान आगे बढ़ेगा, जैसे-जैसे हमारी कृषि उन्नत और समृद्ध होगी, वैसे-वैसे हमारा देश आगे बढ़ेगा।

देश के लिए माडल बन सकता है सूरत माडल

पीएम ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए प्राकृतिक खेती सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले समय में, आपके प्रयासों और आपके अनुभव से, देश भर के किसान बहुत कुछ सीखेंगे और समझेंगे। प्राकृतिक खेती माडल जो सूरत से निकलेगा, पूरे भारत के लिए एक माडल बन सकता है। 

'बदलाव का नेतृत्व कर सकते हैं हमारे गांव'

पीएम मोदी ने आगे कहा, 'डिजिटल इंडिया मिशन की असाधारण सफलता उन लोगों को देश का जवाब है जो कहते थे कि गांवों में बदलाव लाना आसान नहीं है। हमारे गांवों ने दिखाया है कि गांव न केवल बदलाव ला सकते हैं बल्कि बदलाव का नेतृत्व भी कर सकते हैं।

  • प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए आज देश में गंगा के किनारे अलग से अभियान चलाया जा रहा है, कारिडोर बनाया जा रहा है।
  • प्राकृतिक खेती की उपजों की बाजार में अलग से मांग होती है और उसकी कीमत भी ज़्यादा मिलती है।
  • इस योजना के तहत 30,000 कल्सटर बनाए गए हैं।
  • देश की करीब 10 लाख हेक्टेयर जमीन कवर की जाएगी। हमने प्राकृतिक खेती के सांस्कृतिक, सामाजिक और इकोलॉजी से जुड़े प्रभावों को देखते हुए इसे नमामी गंगे परियोजना से भी जोड़ा है।

हमने सदियों तक विश्व का किया नेतृत्व

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज पूरी दुनिया सतत जीवन शैली की बात कर रही है, शुद्ध जीवन शैली की बात कर रही है, यह एक क्षेत्र है जिधर भारत के पास हजारों सालों का ज्ञान और अनुभव है। हमने सदियों तक इस दिशा में विश्व का नेतृत्व किया है।

स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने मां काली का किया साक्षात्कार

स्वामी रामकृष्ण परमहंस, एक ऐसे संत थे जिन्होंने मां काली का स्पष्ट साक्षात्कार किया था, जिन्होंने मां काली के चरणों में अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया था। वो कहते थे- ये सम्पूर्ण जगत, ये चर-अचर, सब कुछ मां की चेतना से व्याप्त है। यही चेतना बंगाल की काली पूजा में दिखती है।


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