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आइएएस अधिकारी हत्‍या की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने व्यवसायी की हत्या की साजिश के आरोप में हरियाणा बैच के एक आइएएस अधिकारी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार नौकरशाह 1985 हरियाणा बैच का आइएएस अधिकारी संजीव कुमार है। अधिकारी के साथ कथित गैंगस्टर शौकत पाशा और शूटर तौफीक व मन्ना को हथियारों के साथ

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Fri, 01 May 2015 10:49 AM (IST)Updated: Fri, 01 May 2015 03:42 PM (IST)
आइएएस अधिकारी हत्‍या की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने व्यवसायी की हत्या की साजिश के आरोप में हरियाणा बैच के एक आइएएस अधिकारी को गिरफ्तार किया है।

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गिरफ्तार नौकरशाह 1985 हरियाणा बैच का आइएएस अधिकारी संजीव कुमार है। अधिकारी के साथ कथित गैंगस्टर शौकत पाशा और शूटर तौफीक व मन्ना को हथियारों के साथ गिरफ्तार किया गया है।

विवाद से पुराना नाता

चंडीगढ़। आइएएस अधिकारी संजीव कुमार विवादित अधिकारी रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के कार्यकाल में व्हिसल ब्लोअर बनकर उसने जेबीटी शिक्षक भर्ती में खामियां उजागर करने का दावा किया था, लेकिन सीबीआई जांच में संजीव कुमार स्वयं दोषी पाया गया और चौटाला समेत अन्य 53 आरोपियों के साथ उसे भी जेल जाना पड़ा था।

हरियाणा सरकार ने संजीव कुमार को बर्खास्त कर दिया था। संजीव कुमार का अपने साथी दोस्त से प्रापर्टी का विवाद चल रहा था। वह उसे मरवाना चाहता था और इसका सारा दोष पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला पर मढने की साजिश भी रच रहा था। संजीव कुमार कभी चौटाला का विश्वासपात्र हुआ करता था, लेकिन जब जेबीटी शिक्षकों की भर्ती लिस्ट में संजीव कुमार की पसंद के लड़कों के नाम शामिल नहीं किए गए थे, तब से वह चौटाला के खिलाफ हो गया था। उसने ही जेबीटी शिक्षक भर्ती मामले का खुलासा करते वाहवाही लूटने की योजना बनाई थी।

संजीव कुमार पर 2013 में तिहाड़ जेल में हमला भी हुआ था। इस संबंध में शिकायत मिलने पर दिल्ली के हरि नगर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया था, लेकिन अब लग रहा कि तिहाड़ में वह हमले का सिर्फ नाटक रच रहा था। संजीव कुमार अप्रैल-2013 से तिहाड़ के जेल नंबर-4 के वार्ड संख्या चार स्थित सेल नंबर-6 में बंद था। बाद में उसे वार्ड नंबर-12 की सेल संख्या-5 में स्थानांतरित कर दिया गया था। इसके डेढ़ माह बाद उसे वार्ड नंबर-7/1 में भेज दिया गया था। उस सेल में गंभीर मामलों के आरोपी भी थे।

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