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आदर्श ग्राम योजना की तर्ज पर, सांसद लेंगे स्कूलों को गोद

केंद्र सरकार के स्तर पर यह तैयारी तब शुरु की गई है, जब देश भर में सरकारी स्कूलों की स्थिति काफी खराब है।

By Mohit TanwarEdited By: Published: Sat, 15 Jul 2017 01:01 AM (IST)Updated: Sat, 15 Jul 2017 11:46 AM (IST)
आदर्श ग्राम योजना की तर्ज पर, सांसद लेंगे स्कूलों को गोद

अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। सांसद आदर्श ग्राम योजना की तर्ज पर अब ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों की स्थिति को भी सुधारने में माननीयो की मदद ली जाएगी। जो अपनी सांसद निधि से अपने क्षेत्र के किसी भी सरकारी स्कूल के मूलभूत ढांचे को सुधारने में मदद देंगे। केद्र सरकार के स्तर पर इसकी तैयारी शुरु कर दी गई है। फिलहाल मानव संसाधन मंत्रालय के साथ सांख्यिकी एवं योजना क्रियान्वयन मंत्रालय को इसका खाका तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। माना जा रहा है कि अगले कुछ ही दिनों में यह पूरी योजना लांच कर दी जाएगी।

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केंद्र सरकार के स्तर पर यह तैयारी तब शुरु की गई है, जब देश भर में सरकारी स्कूलों की स्थिति काफी खराब है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों की स्थिति तो और भी ज्यादा खराब है। तमाम ऐसे सरकारी स्कूल है,जहां न तो भवन है,न ही पेजयल व शौचालय जैसे भूलभूत इंतजाम। मानव संसाधन मंत्रालय के पास स्कूलों की खराब स्थिति को लेकर हर साल ऐसी ढेरों शिकायतें आती है। इनमें काफी शिकायतें तो खुद सांसदों की रहती है, जो अपने क्षेत्र के स्कूलों की खराब स्थिति को सुधारने से जुड़ी होती है।

ऐसे में मंत्रालय स्तर पर यह सहमति बनी है, कि सरकारी स्कूलों की स्थिति को सुधारने में सांसदों की भी मदद ली जाए। फिलहाल इसका पूरा खाका बनाया जा रहा है। इसके तहत जल्द ही सांसदों से चर्चा व सहमति भी ली जाएगी। जिसके बाद ही इसे लागू किया जाएगा।

बता दें कि केंद्र सरकार के स्तर पर अभी फिलहाल गांवों के विकास को लेकर सासंदों से जुड़ी सासंद आदर्श ग्राम योजना शुरु की गई है। इसके तहत सांसद अपने क्षेत्र के किसी एक गांव को गोद लेता है। जहां वह अपनी सासंद निधि से मूलभूत सुविधाओ को जुटाने में मदद दे रहे है।

 सांसद निधि से स्कूलों को इंटरनेट से लैस करने में मदद

सांख्यिकी एवं योजना क्रियान्वयन मंत्रालय के मुताबिक सासंदों को मिलने वाली सांसद क्षेत्रीय विकास निधि से अभी फिलहाल सरकारी स्कूलों को इंटरनेंट से लैस करने में मदद दी जा रही है। इससे पहले सांसदों की मदद से सरकारी स्कूलों में शौचालय का निर्माण भी कराया गया था। अब किसी एक स्कूल की पूरी जिम्मेदारी लेनी होगी।

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