यूक्रेन में मारे गए नवीन का शव 21 मार्च को पहुंचेगा भारत, गोलाबारी में गई थी जान
नवीन के पिता ने बताया हमने उसके शरीर को एसएस अस्पताल दावणगेरे को चिकित्सा अध्ययन के लिए दान करने का फैसला किया है। बता दें कि नवीन खारकीव मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे थे। यहां गोलाबारी के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी।
बेंगलुरु, एएनआइ। यूक्रेन में युद्ध के दौरान मारे गए भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा का शव सोमवार को भारत पहुंचेगा। नवीन के पिता शंकरप्पा ने बताया कि नवीन शेखरप्पा का पार्थिव शरीर 21 मार्च को सुबह तीन बजे बेंगलुरु पहुंचेगा और शव को लोगों के दर्शन के लिए रखा जाएगा।
Mortal remains of Naveen Shekarappa, who died in #Ukraine, to reach Bengaluru on March 21
My son's body will arrive in Bengaluru at 3 am; will keep it for public view. We have decided to donate his body to SS Hospital Davanagere for medical studies: Naveen's father Shankarappa pic.twitter.com/R5WYUc2eI1
— ANI (@ANI) March 18, 2022
नवीन के पिता ने बताया, हमने उसके शरीर को एसएस अस्पताल दावणगेरे को चिकित्सा अध्ययन के लिए दान करने का फैसला किया है। बता दें कि नवीन खारकीव मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे थे। यहां गोलाबारी के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी। नवीन का घर कर्नाटक के हावेरी जिले में है। मौत के बाद से नवीन की बाडी खारकीव मेडिकल यूनिवर्सिटी की मार्चुरी में रखी हुई थी।
15-20 भारतीय छोड़ना चाहते हैं यूक्रेन, दी जा रही मदद
केंद्र सरकार ने कहा है कि आपरेशन गंगा अभी जारी है और यूक्रेन में रह रहे जो भी भारतीय वहां से आना चाहते हैं, उन्हें लाने के लिए हरसंभव उपाय किए जाएंगे। गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि यूक्रेन में मौजूद 15-20 भारतीय वहां से निकलना चाहते हैं। उन्हें हर तरह की मदद दी जा रही है। बागची ने पत्रकारों से कहा कि तीन दिन पहले तक वहां करीब 50 भारतीय थे। हमारा अनुमान है कि 15-20 लोग वहां से बाहर आना चाहते हैं। अन्य वे लोग हैं, जो अभी बाहर नहीं निकलना चाहते हैं। जितनी मदद संभव है, हम उतनी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह युद्ध की स्थिति है। लेकिन जो भी बाहर आना चाहते हैं, उन्हें निकालने का काम हम जारी रखेंगे। बागची ने कहा कि युद्धग्रस्त यूक्रेन से 22,500 भारतीयों को वापस लाया गया है। कहीं-कहीं कुछ लोग अब भी हैं। स्थिति में लगातार बदलाव हो रहा है। हम वहां रह रहे सभी भारतीयों के संपर्क में हैं। भारतीय दूतावास हर संभव मदद दे रहा है।