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Earth Hour 2022: भविष्य रोशन करेगा 60 मिनट का अंधियारा, विश्व के 190 से ज्यादा देश अर्थ आवर की पहल से जुड़े

मार्च के आखिरी शनिवार को अर्थ आवर मनाते हैं इस दिन करोड़ों लोग अनावश्यक बत्तियां बुझाकर पर्यावरण के प्रति समर्थन दिखाते हैं। अर्थ आवर के तहत रात साढ़े आठ से साढ़े नौ बजे तक बत्तियां बंद रहेंगी। अब तक इस पहल से दुनियाभर के 190 से ज्यादा देश जुड़े हैं।

By Amit SinghEdited By: Published: Fri, 25 Mar 2022 10:28 PM (IST)Updated: Sat, 26 Mar 2022 07:54 AM (IST)
शनिवार को विश्व के 190 से ज्यादा देशों में एक घंटे के लिए होगा अंधियारा (फाइल फोटो)

जेएनएन, नई दिल्ली: एक छोटी सी पहल कैसे बड़े बदलाव का वाहक बन जाती है, इसका उदाहरण है अर्थ आवर। एक बार फिर दुनिया के 190 से ज्यादा देश 60 मिनट अंधियारे में बिताएंगे, ताकि धरती का भविष्य रोशन किया जा सके। व‌र्ल्ड वाइड फंड फार नेचर (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) की अगुआई में अर्थ आवर हर साल मार्च के आखिरी शनिवार को मनाया जाता है। इस दौरान लोग एक घंटे (रात साढ़े आठ से साढ़े नौ बजे तक) के लिए घर और आफिस की गैरजरूरी बत्तियां बंद कर देते हैं।

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पर्यावरण संरक्षण के प्रति सामूहिकता का भाव

बिजली बचाने के लिए यह कदम न सिर्फ बचत का माध्यम बनता है, बल्कि इससे पर्यावरण संरक्षण के प्रति सामूहिकता का भाव भी आता है। यह दिखाता है कि मिलकर प्रयास करें, तो अगली पीढ़ी के लिए बेहतर विश्व बनाया जा सकता है। भारत में इस साल अर्थ आवर पहल में दैनिक जागरण समूह भी सहभागी है। कोरोना महामारी से उबरती दुनिया के बीच इस साल अर्थ आवर की थीम 'शेप अवर फ्यूचर' यानी 'अपने भविष्य को संवारें' है।

विश्व की सबसे बड़ी पर्यावरण मुहिम

इस पहल को लेकर डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया के सेक्रेटरी जनरल और सीईओ रवि सिंह ने बताया कि अर्थ आवर दुनिया की सबसे बड़ी पर्यावरण मुहिम में से एक है। जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते खतरे के बीच अर्थ आवर की प्रासंगिकता भी लगातार बढ़ी है। आज यह पहल पूरी दुनिया में जगह बना चुकी है। इसने जलवायु परिवर्तन से जुड़े खतरों के प्रति लोगों को जागरूक किया है।

15 साल पहले हुई थी शुरुआत

31 मार्च, 2007 को 22 लाख लोगों और 2000 कंपनियों ने आस्ट्रेलिया के सिडनी में बत्तियों को एक घंटे के लिए बंद रखकर इस पहल की शुरुआत की थी। धीरे-धीरे सबने इसकी महत्ता को समझा और आज 190 से अधिक देश इस अभियान से जुड़ गए हैं। अब ज्यादा से ज्यादा लोग स्वैच्छिक रूप से इसका हिस्सा बन रहे हैं।

हर दिन बढ़ती जा रही प्रासंगिकता

इस पहल की प्रासंगिकता के बारे में रवि कहते हैं कि अर्थ आवर का उद्देश्य लोगों को प्रोत्साहित करना है ताकि लोग जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में संकल्प लें। अर्थ आवर पर्यावरण के प्रति आपके समर्थन को दर्शाता है। अर्थ आवर में एक घंटे भाग लेकर हम ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने की अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। अर्थ आवर हमारी जिंदगी में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस एक घंटे में हम यह सोचें कि पर्यावरण को बेहतर करने के लिए अकेले और सामूहिक तौर पर क्या कदम उठाए जा सकते हैं।


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